पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष का बस चले तो आरक्षण के लिए ‘मुजरा’ भी करने लगे। प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। तेजस्वी यादव ने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे प्रधानमंत्री मोदी की भाषा में गिरावट आ रही है। वह ऐसी भाषा बोल रहे हैं, जो उनके समर्थकों को भी अच्छी नहीं लग रही है।
![](https://royalbulletin.in/wp-content/uploads/2024/05/IMG_20240504_175237.jpg)
बिहार लोकतंत्र की जननी है। उनको काम की बात करनी चाहिए। उन्हें संविधान का बेसिक ज्ञान भी नहीं है। उन्होंने कहा कि उनसे पूछिए, हमने जाति आधारित गणना करने को लेकर पांच बार पत्र लिखा। इस मुद्दे पर उनसे मिलने के लिए बिहार से एक डेलिगेशन भी गया था। हम खुद प्रधानमंत्री से एक घंटा बात किए। लेकिन, लिखित में उन्होंने मना कर दिया। हमारी कोशिश थी कि जातीय आधारित जनगणना हो, जिससे पता चल सके कि किसकी कितनी आबादी है। उसके आधार पर सबको अलग-अलग आरक्षण मिलेगा।
हमारी 17 महीने की सरकार ने जाति आधारित गणना कराई है और आरक्षण की सीमा 75 प्रतिशत बढ़ाई है। पीएम मोदी कोई भी भाजपा शासित राज्य बता दें, जहां 75 प्रतिशत आरक्षण है। यहां आकर झूठ बोलने से काम नहीं चलेगा। बिहार के लोग सामाजिक और राजनीतिक रूप से बहुत जागरूक हैं। तेजस्वी यादव ने एक कागज दिखाते हुए कहा कि यह देखिए उनका झूठ सामने आ गया है। गुजरात में मुसलमानों की 25 जातियों को आरक्षण मिल रहा है। इसमें लिस्ट वाइज मुसलमान जाति का नाम है। प्रधानमंत्री जी आप 13 साल गुजरात के मुख्यमंत्री रहे।
आपको यह नहीं पता है कि वहां आरक्षण मिल रहा है और क्यों मिल रहा है? मंडल कमीशन की सिफारिश के बाद यह आरक्षण मिलना शुरू हुआ। मंडल कमीशन जब आया था, तब आडवाणी जी के सारथी बने हुए थे। आपका सोच आरक्षण विरोधी है, जो सच्चाई है। वह अब बेचारे हो चुके हैं। कुछ बोलने को बचा नहीं है, इसलिए कुछ भी बोल रहे हैं। दूसरी तरफ राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि पहले चरण से ही बह रहे बदलाव की बयार छठा चरण आते-आते आंधी का रूप धारण कर चुकी है, जिसमें एनडीए के सारे उम्मीदवार औंधे मुंह गिर रहे हैं। प्रधानमंत्री आज अपने भाषण में जिस भाषा और शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे, उसमें उनकी झल्लाहट और तनाव साफतौर पर दिखाई दे रहा था।