नोएडा। 300 करोड़ रुपये के भूमि घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। ईडी ने शुक्रवार को नोएडा अथॉरिटी पहुंचकर इस घोटाले से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों को कब्जे में लिया। यह जांच नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ और रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह के कार्यकाल से जुड़े मामलों पर केंद्रित है।
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पिछले महीने ईडी ने मोहिंदर सिंह के ठिकानों पर छापा मारा था, जहां से करोड़ों रुपये की संपत्ति बरामद हुई थी। इसमें हीरे, सोने के आभूषण, नकदी और कई अहम दस्तावेज शामिल थे। इन खुलासों के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया और घोटाले की गहराई से जांच शुरू की।
ईडी की जांच का केंद्रबिंदु नोएडा के सेक्टर-107 स्थित लोटस 300 हाउसिंग प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े भूमि सौदों में कथित अनियमितताओं की जांच की जा रही है। शुक्रवार को ईडी अधिकारियों ने नोएडा अथॉरिटी पहुंचकर प्रोजेक्ट से जुड़े दस्तावेज मांगे। हालांकि, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास के दौरे के चलते टीम की मुलाकात वर्तमान सीईओ से नहीं हो सकी, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने जांच टीम को आवश्यक फाइलें सौंप दीं।
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ईडी ने घोटाले की जांच का दायरा बढ़ाते हुए अब पूर्व सीईओ रमारमण के कार्यकाल को भी शामिल कर लिया है। लोटस 300 प्रोजेक्ट से जुड़े भूमि सौदों और अन्य वित्तीय लेन-देन की गहनता से जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, यह कदम मनी लॉन्ड्रिंग के नेटवर्क और प्रोजेक्ट में अनियमितताओं का पर्दाफाश करने के लिए उठाया गया है।
इस जांच का मुख्य उद्देश्य नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों और प्रोजेक्ट से जुड़े अन्य लोगों के बीच मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय गड़बड़ियों के नेटवर्क को उजागर करना है। इसके अलावा, इस मामले में शामिल अन्य व्यक्तियों की भी भूमिका की जांच की जा रही है।
ईडी अब मोहिंदर सिंह और रमारमण के कार्यकाल से संबंधित और अधिक फाइलों और दस्तावेजों को खंगालने की तैयारी कर रही है। जांच एजेंसी का उद्देश्य इस भूमि घोटाले में शामिल सभी दोषियों को कानून के दायरे में लाना और घोटाले की सच्चाई को उजागर करना है।
यह घोटाला न केवल नोएडा बल्कि पूरे प्रदेश के प्रशासनिक तंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। ईडी की इस कार्रवाई से अन्य अनियमितताओं का भी खुलासा होने की संभावना है।