नयी दिल्ली – लोकसभा में संसद की सुरक्षा के मुद्दे पर सोमवार को विपक्षी दलों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। संसद में हुई सूरक्षा चूक मामले में अब तक विपक्षी दलों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। स्पीकर के लाख मना करने के बावजूद हंगामा करने पर सोमवार को 33 विपक्षी सांसदों को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी निलंबित कर दिया गया है। इनमें से ज्यादातर सांसदों को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित किया गया है।
बता दें कि 33 सांसदों को सोमवार को ही निलंबित किया गया है। इससे पहले भी लोकसभा से 13 और राज्यसभा से 1 सांसद को निलंबित किया जा चुका है। इस हिसाब से निलंबित सांसदों की कुल संख्या 47 पहुंच गई है। इन सभी पर सदन की कार्यवाही बाधित करने और आसन की अवमानना करने का आरोप है।
लोकसभा से अपने निलंबन पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि मेरे समेत सभी नेताओं को निलंबित कर दिया गया है। हम कई दिनों से मांग कर रहे हैं कि हमारे जिन सांसदों को पहले निलंबित किया गया था उन्हें बहाल किया जाए और गृह मंत्री आएं सदन में जाकर बयान दें। अधीर ने कहा कि गृह मंत्री रोज टीवी पर बयान देते हैं। संसद की सुरक्षा के लिए सरकार क्या कर रही है, इस पर वो थोड़ा संसद में भी बोल सकते हैं। आज की सरकार अत्याचार ऊंचाई पर पहुंच गई है, हम सिर्फ चर्चा चाहते थे।
इससे पहले एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) आदि के सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर आसन के इर्दगिर्द जमा हो गये और नारेबाजी करने लगे। वे संसद की सुरक्षा के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे थे।
पीठासीन अधिकारी राजेन्द्र अग्रवाल ने शोरशराबे के बीच आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये। रेल, संचार एवं सूचना प्रौद्याेगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दूरसंचार विधेयक 2023 पेश किया। विपक्ष के ऋतेश पांडेय ने इस विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह संविधान की धारा 177 का उल्लंघन करता है। इनक्रिप्टेड डाटा को रिकार्ड करने से निजता के अधिकार का उल्लंघन होगा। लेकिन उनकी दलील को अनसुना कर सदन ने ध्वनिमत से इसे पेश करने की अनुमति दे दी।
शोरशराबा जारी रहने पर श्री अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों को चेतावनी देते हुए कहा कि तख्तियां दिखा कर विपक्षी सदस्य अपने विरुद्ध कार्रवाई को आमंत्रित कर रहे हैं। वे अपने स्थानों पर बैठें और आसन काे उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए विवश नहीं करें। इस पर शोर और तेज हो गया जिसके बाद श्री अग्रवाल ने सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पूर्व इसी मुद्दे पर हंगामे के कारण प्रश्नकाल भी नहीं चल सका और सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दी गई। 11 बजे सदन के समवेत होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभा को विशेष दीर्घा में बैठे श्रीलंका के संसदीय शिष्टमंडल के बारे में सूचित किया। उसके बाद उन्होंने कुवैत के अमीर शेख नवाफ अल अहमद अल सबा के निधन के बारे में सदन को सूचित किया एवं दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने नागौर से लोकसभा सदस्य हनुमान बेनीवाल के लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफ़ा देने की भी जानकारी दी।
अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि लोकसभा में 13 दिसंबर को जो दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी है, वह निश्चित तौर पर हम सबके लिए गहरी चिंता का विषय है। इस घटना पर हमने सामूहिक रूप से सदन में चिंता व्यक्त की थी। उसी दिन उन्होंने इस विषय पर सभी दलों के नेताओं के साथ विचार विमर्श किया था कि किस प्रकार हम संसद की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर सकते हैं। उस बैठक में आपके द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सदन के भीतर हुई इस घटना की गहन जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी बनाई गई है।
श्री बिरला ने कहा कि आप सभी भलीभांति अवगत हैं कि हमारे सदन में पूर्व में भी ऐसी घटनाएं कई बार हो चुकी हैं। सदन के अंदर आगंतुकों नारेबाजी करने, दर्शक दीर्घा से कूद जाने और पर्चे फेंकने जैसी घटनाओं का साक्षी पूरा देश रहा है। ऐसी हर घटना के समय सदन ने एकजुटता का परिचय देते हुए एक स्वर में इनके विरोध में अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त किया है। संसद परिसर की सुरक्षा संसद के क्षेत्राधिकार में आती है। इसलिए सुरक्षा के विषय पर हमारी जो भी कार्य योजना बनेगी, वह आप सबके साथ विचार विमर्श करके, आपके सुझाओं के आधार पर ही बनेगी और उसके बाद संसद सचिवालय द्वारा ही क्रियान्वित की जाएगी।
इस बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सभी दलों ने यह सर्वसम्मति से निर्णय किया था कि वह सदन के भीतर तख़्तियाँ लेकर नहीं आयेंगे। उन्होंने कहा कि वह हर विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा करना आवश्यक है इसलिए हंगामा करना उचित नहीं है।
लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों कई बार आग्रह किया कि वह सभी अपने अपने स्थान पर जायें और प्रश्नकाल चलने दें। उन्होंने कहा कि अगर तख़्तियाँ लेकर आयेंगे तो वह सदन नहीं चलायेंगे। उनके बार बार आग्रह के बाद हंगामा नहीं थमा तब उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दी।