नोएडा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट का हाल बेहाल हो गया है। यह हम नहीं कह रहे हैं एक आरटीआई ने यह खुलासा किया है।
आरटीआई से जानकारी मांगी गई कि 2020 में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर शुरू की गई ‘स्वयं सिद्धा’ नाम की योजना में पहले चरण में 50 और उसके बाद फिर 50 स्कूटी का बेड़ा शामिल किया गया था, जिस पर महिला पुलिसकर्मी व्यस्त जगहों, मार्केट और अन्य जगहों पर गश्त लगाएंगी। इसमें सिर्फ 42 स्कूटी ही पुलिस के पास है।
दरअसल, आरटीआई एक्टिविस्ट रंजन तोमर ने गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट से स्कूटी और कितनी महिला पुलिसकर्मी गश्त लगाती हैं, इसकी जानकारी मांगी। इसका चौंकाने वाला जवाब मिला। समाजसेवी रंजन तोमर की आरटीआई से खुलासा हुआ है कि 100 में से सिर्फ 42 स्कूटी ही पुलिस के पास बची हैं।
अगस्त 2020 में पुलिस कमिश्नरेट में तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने ‘स्वयं सिद्धा’ योजना का शुभारम्भ किया था। जिसमें 50 स्कूटियों पर महिला पुलिस को रवाना किया गया था। कुल 100 ऐसी स्कूटी पूरे शहर में महिला सुरक्षा के लिए लगाई गई थी।
रंजन तोमर ने एक आरटीआई गौतमबुद्धनगर पुलिस कमिश्नरेट में लगाई। जिसके जवाब से कई सवाल खड़े हो गए हैं। कुल 100 स्कूटियों में से 58 स्कूटी का कोई अता-पता नहीं है। जबकि, 42 स्कूटी स्वयं सिद्धा योजना के तहत शहर में चल रही हैं। अन्य स्कूटी की जानकारी पुलिस ने नहीं दी है। ना ही कोई स्कूटी बढ़ाई गई है।
आरटीआई एक्टिविस्ट रंजन तोमर का कहना है कि सिर्फ तीन सालों में 58 स्कूटी कहां चली गई, इसकी जांच करनी चाहिए। क्या महिलाओं के प्रति अपराधों में इतनी कमी आ गई है कि 58 स्कूटियों की अब ज़रूरत ही नहीं है।