लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सोमवार को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में संचार मंत्रालय भारत सरकार तथा आईटी एवं इलेक्टॉनिक्स विभाग, उप्र की ओर से आयोजित ‘कैपिसिटी बिल्डिंग वर्कशॉप ऑन 5-जी’ का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि उप्र के कई जनपदों में शीघ्र ही 5-जी सेवा का विस्तार होने वाला है।
मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश बदलता हुआ नया और आकांक्षी प्रदेश है। इस नये उत्तर प्रदेश के लिये 5-जी बहुत आवश्यक है। जिस प्रकार से हम लोग टेलीफोन के माध्यम से एक दूसरे से कनेक्ट रहते हैं, उसी प्रकार डिवाइसेज भी एक दूसरे से कनेक्ट हो जायेंगी। उन्होंने कहा कि 5-जी के आने से पलक झपकते ही रिस्पांस मिलेगा। लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी, सहित प्रदेश के कई जनपदों में अगले कुछ महीनों में 5-जी सेवाओं के विस्तार के लिए चुना गया है, जो आने वाले समय में लोगों के जीवन में मेजर ट्रांसफार्मेशन लाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान में जय अनुसंधान को जोड़ा है। विकसित भारत का लक्ष्य अनुंसधान से ही पूरा होगा। यह अनुसंधान हमारी युवा पीढ़ी करेगी। इतनी सारी नई-नई चीजें निकलेंगी, जो हमारे जीवन में परिवर्तन की लहर लायेंगी। पूरी दुनिया में हमारे देश के आईटी एक्सपर्ट छाये हुये हैं। उन्होंने कहा कि 5-जी टेक्नोलॉजी के उपयोग से ऐसे प्रोडक्ट बनायेंगे, जो दुनिया के सिरमौर बनेंगे। प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के सपने के साथ-साथ लोकल-टू-ग्लोबल के सपने को साकार करेंगे। इसके लिये विभागों को सोचना होगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि टेक्नोलॉजी को अंगीकार करके ही भ्रष्टाचार को दूर, स्पीड, स्केल और स्किल को बढ़ाया जा सकता है। प्रधानमंत्री का देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर तथा मुख्यमंत्री योगी की प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डॉलर बनाने के संकल्प को टेक्नोलॉजी के माध्यम से ही पूरा किया जा सकता है। आने वाले समय में हमारे देश में यंग, क्रिएटिव और कंट्रीब्यूटिंग पापुलेशन की संख्या सबसे ज्यादा होगी। ऐसे में हमारे देश को आगे ले जाने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए 5-जी टेक्नोलॉजी का आना बहुत शुभ संकेत है।
उन्होंने भारत सरकार के टेलीकॉम डिपार्टमेंट से कहा कि उत्तर प्रदेश में 5-जी को तेजी से रोल आउट करें। इस कार्य में उत्तर प्रदेश हर प्रकार से सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि 5-जी को लेकर तमाम अफवाहें हैं, यह सत्य नहीं है। 4-जी आने पर भी इसी तरह की अफवाहें फैली थीं। टेक्नोलॉजी के खिलाफ बहुत सारे लोग होते हैं। ईज ऑफ लिविंग व ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में टेक्नोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने टेलीकॉम विभाग से कहा कि इन अफवाहों को समाप्त करने के लिये उनके पास स्पष्ट टेक्निकल पेपर्स होने चाहिये। इसके लिये एक्सपर्ट को इंगेज करें। यह अफवाहें मानवता के खिलाफ हैं। इन अफवाहों को टेक्निकल तौर ही खत्म कर सकते हैं। इन अफवाहों को टेक्निकल तौर पर खंडन किया जाये।
मुख्य सचिव ने कहा कि देश के 140 करोड़ लोगों की सेवा करने के लिये टेक्नोलॉजी के अलावा दूसरा कोई उपाय नहीं है। आज प्रधानमंत्री रीवा में 37 लाख से अधिक लोगों को स्वामित्व योजना के तहत घरौनी का वितरण कर रहे हैं। उसमें उत्तर प्रदेश का योगदान लगभग 22.5 लाख घरौनी का है। आज उत्तर प्रदेश में 57 लाख लोगों को घरौनी का वितरण किया जा चुका है। सितम्बर, 2024 तक शत-प्रतिशत घरों तक घरौनी का वितरण हो जाएगा। यह सब ड्रोन व डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम से संभव हुआ है।
मिश्र ने कहा कि प्रदेश को 5-जी नेटवर्क को सुदृढ़ बनाने के लिये नजदीक-नजदीक टावर्स लगाने होंगे। इसके लिये जरूरी है कि कंपनियों को आसानी से क्लीयरसेंस मिल जाए। उन्होंने आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के अधिकारियों को बेहतर एवं जल्द से जल्द परिणाम प्राप्त करने के लिये ईज ऑफ डुइंग बिजनेस पर कार्य करने के लिये कहा। उन्होंने कहा कि एक बार फिर समीक्षा कर देखें कि क्या-क्या कर सकते हैं, जिससे प्रदेश में 5-जी का रोल आउट तेजी से हो। इस कार्य में पीएम गतिशक्ति का भरपूर उपयोग किया जाए। ताकि प्रदेश में इस नेटवर्क को हम ज्यादा तेजी से आगे बढ़ा सकें। 5-जी के आने बाद विभागों के कार्यों में तेजी लाने के लिए कार्य करें।
इस अवसर पर सचिव, संचार मंत्रालय, भारत सरकार के. राजारमन का वीडियो संदेश प्रसारित किया गया। वर्कशॉप को प्रमुख सचिव आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स नरेंद्र भूषण सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर, विशेष सचिव आईटी इलेक्ट्रॉनिक अक्षय त्रिपाठी व कुमार विनीत समेत भारत सरकार व राज्य सरकार के कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।