इटावा- उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाए आठ सरकारी शिक्षकों को जांच के बाद तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है।
इटावा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ.राजेश कुमार ने रविवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इटावा जिले में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के फर्जी अंकपत्र से नौकरी पाने वाले आठ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं। इनमें से एक शिक्षिका सेवाएं समाप्ति की कार्रवाई से पहले ही त्यागपत्र दे चुकी है। अब विभाग बर्खास्त शिक्षकों से वसूली समेत अन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
डॉ़ कुमार ने बताया कि फर्जी अभिलेखों से आठ शिक्षक अलग-अलग परिषदीय विद्यालयों में नौकरी कर रहे थे।
इन शिक्षकों ने 2011 में टीईटी में फेल होने पर फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी हासिल की थी। उन्होंने बताया कि विभागीय स्तर पर 2020 में हुए सत्यापन में इनके अंकपत्र फर्जी मिले थे। इस पर सभी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की संस्तुति की गई थी। इस दौरान आदेश के खिलाफ शिक्षक कोर्ट चले गए थे।
याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने मामले में फिर से जांच के आदेश दिए थे। इस पर बीईओ मुख्यालय उदय सिंह राज की ओर से मामले की दोबारा जांच की गई। दोबारा जांच में भी फर्जी अंकपत्र की बात पुष्ट होने पर चार अक्तूबर को नियुक्ति निरस्त करने की कार्रवाई की गई। इन शिक्षकों में चार ताखा, दो चकरनगर, एक बसरेहर और एक भरथना विकास खंड के हैं। कार्रवाई की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है।
चकरनगर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय चौरेलापार के शिक्षक सौरभ श्रीवास्तव, उच्च प्राथमिक विद्यालय कचहरी के उपेंद्र यादव, बसरेहर के संतोषपुरा घार की रश्मी वर्मा, भरथना के ऊमरसेंड़ा विद्यालय के योगेंद्र कुमार, ताखा के प्राथमिक विद्यालय सरावा के राजवीर सिंह, प्राथमिक विद्यालय भागा के विकास कुमार, प्राथमिक विद्यालय रिदोली के दिलीप सिंह और उच्च प्राथमिक विद्यालय कुदरैल के शैलेंद्र प्रताप पर कार्रवाई की गई है।
रश्मि वर्मा ने पहले ही इस्तीफा दे दिया था। कुमार ने बताया कि शासन की ओर से नए आदेशों का इंतजार किया जा रहा है नए जो भी आदेश आयेगे उसी अनुरूप अग्रिम कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।