ऋषिकेश। फाल्गुनी अमावस्या के अवसर पर देश के विभिन्न प्रांतों से आए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने ऋषिकेश तीर्थ नगरी के त्रिवेणी घाट, शत्रुघ्न घाट ,राम झूला पर गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगाई और अनुष्ठान आदि किए जाने के उपरांत गरीबों में दान पुण्य किया।
सोमवार को फाल्गुनी सोमवती अमावस्या होने के कारण गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं का ऋषिकेश आना एक दिन पहले ही प्रारंभ हो गया था, जिसके चलते तमाम धर्मशालाओं और आश्रमों में श्रद्धालु ठहरे थे, जिन्होंने सोमवार की तड़के से ही गंगा स्नान करना प्रारंभ कर दिया था। इसके पश्चात श्रद्धालुओं ने घाटों पर अनुष्ठान आदि करने के उपरांत गरीबों में दान पुण्य किया।
इस दौरान त्रिवेणी घाट पर षडदर्शन साधु समाज अखिल भारतीय सनातन धर्म रक्षा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत गोपाल गिरी के संचालन में त्रिवेणी घाट पर भंडारा भी किया। इस दौरान भगवान गिरी आश्रम के पीठाधीश्वर बाबा भूपेंद्र गिरी ने सोमवती अमावस्या का महत्व बताते हुए कहा कि इस बार की फाल्गुनी अमावस्या पर गंगा स्नान करने से श्रद्धालुओं पर भगवान आशुतोष की अपार कृपा बरस रही है, क्योंकि इस बार अमावस्या सोमवार को पड़ी है।
आज परिघ योग और शिव योग का भी विशेष संयोग बन रहा है। इस प्रकार का संयोग सैकड़ों वर्षों के बाद ही बनता है। उन्होंने कहा कि इससे पहले यह संयोग लगभग 255 वर्ष पहले बना था इस संयोग में गंगा स्नान करने से बेहद ही पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया जाता है कि परिघ योग शत्रु पर विजय दिलाता है।
बाबा भूपेंद्र गिरी ने कहा कि सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को ही सोमवती अमावस्या कहते हैं। यह वर्ष में केवल एक अथवा दो बार ही पड़ती है।
उनका कहना था कि इस योग में रावण ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को भी प्रसन्न किया था जिसकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने रावण को त्रिलोक विजेता का वरदान दिया था। इसके पश्चात रावण द्वारा रचित शिव तांडव स्त्रोत को रावण तांडव स्त्रोत के नाम से भी जाना जाता है। इस स्त्रोत में रावण ने 17 श्लोकों में भगवान शिव की स्तुति गाई है।
गंगा स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर त्रिवेणी घाट पर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक खुशीराम पांडे और मुनी की रेती थाना प्रभारी रितेश शाह के नेतृत्व में गंगा किनारे एसडीआरएफ की टीम के साथ जल पुलिस की तैनाती भी की गई थी। इसी के साथ संयुक्त रूप से नगर में ट्रैफिक प्लान लागू किए जाने के कारण किसी प्रकार की यात्रियों को असुविधाओं का सामना नहीं करना पड़ा।