Thursday, January 23, 2025

सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग हादसा : रेस्क्यू ऑपरेशन होगा सफल, कुछ घंटे में बाहर आयेंगे 41 श्रमिक

उत्तरकाशी- उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग हादसे के रेस्क्यू ऑपरेशन के 11वें दिन श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अच्छी खबर आई हैं। सबकुछ ठीक ठीक रहा तो सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अब कुछ घंटे ही बचे हैं।

ऑगर मशीन से अभी तक 45 मीटर तक पाइप पुश हो चुका है। कुछ देर पहले प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार एवं उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे ने बताया कि ऑगर मशीन से पुनः ड्रिलिंग शुरू करते हुए और 6 मीटर तक ड्रिलिंग कर दी गई है। इस तरह से अभी शाम तक कुल 45 मीटर तक से अधिक ड्रिलिंग पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि आने वाला समय और अधिक महत्वपूर्ण है। अगले फेज की ड्रिलिंग शुरू हो गई है।

रेस्क्यू टीम के लिए बुधवार का 11वां दिन खास होने वाला है और बड़ी सफलता मिलेगी। उम्मीद है कि कुछ ही घंटों बाद सभी 41 श्रमिकों को सिलक्यारासुरंग से सकुशल बाहर निकल लेंगे। प्रशासन ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। एयरपोर्ट से लेकर ऋषिकेश स्थित एम्स अस्पताल और सिल्क्यारा सुरंग के बाहर पर्याप्त फोर्स एवं एंबुलेंस तैयार खड़ी हैं।

इस दौरान एम.डी (एनएचआईडीसीएल ) महमूद अहमद, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी मौजूद रहे।

इसी बीच नैनीताल हाई कोर्ट में बुधवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष सरकार की ओर से आज अदालत के समक्ष एक पेश एक रिपोर्ट में बताया कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग में फंसे मजदूरों को जल्द ही सुरक्षित बाहर निकाल लिया जायेगा। विदेशी विशेषज्ञों की अगुवाई में सुरक्षित रिहाई के लिये जोरशोर से अभियान चलाया जा रहा है। सभी सुरक्षित हैं। सभी से बात हो रही है।

उन्हें खाना, दवाई और अन्य सामान मुहैया कराया जा रहा है। विशेषज्ञों की अगुवाई में मजदूरों को बाहर निकालने के लिये अभियान चलाया जा रहा है। कई योजना पर काम किया जा रहा है। जल्द ही उन्हें बाहर निकाल लिया जायेगा।

हालांकि अदालत सरकार की रिपोर्ट से संतुष्ट नजर नहीं आयी और कहा कि सरकार ने रिपोर्ट में यह खुलासा नहीं किया है कि मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिये क्या सुरक्षा उपाय किये जा रहे हैं?

हालांकि अदालत ने प्रदेश सरकार से पूछा कि वह दो दिसंबर तक बतायें कि मजदूरों को जीवन रक्षक दवाई और खाद्य सामग्री उपलब्ध करायी जा रही है या नहीं?

देहरादून की गैर सरकारी संस्था समाधान की ओर से इस मामले को चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार मजदूरों को बाहर निकालने में असफल साबित हुई है। मजदूरों की सुरक्षा के लिये मौके पर कोई सुरक्षात्मक उपाय नहीं किये गये थे।

याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से यह भी मांग की गयी कि यह आपराधिक मामला है और इस मामले की जांच एसआईटी से करायी जाये। इस मामले में अगली सुनवाई दो दिसंबर को होगी।

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