मेरठ। बसपा के पश्चिमी यूपी प्रभारी शमसुद्दीन राइन को कोर्ट ने गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। वर्ष 2020 में नौचंदी थाने में मारपीट और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के मामले में कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
एक कार्यकर्ता से मारपीट करने और जातिसूचक शब्द प्रयोग करने के मामले में बसपा के बहुजन समाज पार्टी के वेस्ट यूपी प्रभारी शमसुद्दीन राइन को कोर्ट ने गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही 82 के तहत कार्रवाई के लिए भी कहा गया है।
यादगारपुर निवासी एडवोकेट अनिल प्रधान ने 28 अप्रैल 2022 को नौचंदी थाने में शमसुद्दीन, सतपाल पेपला, मोहित जाटव, दिनेश काजीपुर, विकास रोहटा के अलावा 15-20 अज्ञात लोगों पर मारपीट, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने और गाली-गलौज का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।
पुलिस ने वादी पक्ष के बयान दर्ज किए। शमसुद्दीन को भी बुलाया गया, लेकिन वह नहीं पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने पांच नोटिस जारी किए, मगर पुलिस से दूरी बनाते रहे। 21 सितंबर, 2023 को कोर्ट ने गैरजमानती वारंट जारी कर दिए। वहीं, 18 अक्तूबर को पेश होने की हिदायत दी।
अनिल प्रधान का आरोप है कि शमसुद्दीन राजनीतिक रसूख का फायदा उठाते रहे। इस बीच, गैरजमानती वारंट के खिलाफ शमसुद्दीन ने एक अर्जी कोर्ट में दाखिल की। कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। अब पुलिस को हिदायत दी गई कि या तो शमसुद्दीन को गिरफ्तार करें या फिर 82 की कार्रवाई से जुड़ी प्रक्रिया शुरू करें।