नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत में कई पाकिस्तानी लोग चर्चा में आए हैं, जिनमें से कुछ ने पाकिस्तान लौटने का विचार भी नहीं किया। इनमें से एक हैं डबाया राम, जिनकी कहानी वाकई हैरान कर देने वाली है। कभी पाकिस्तान में सांसद रहे डबाया राम अब भारत में कुल्फी बेचकर अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डबाया राम की कहानी संघर्ष, उम्मीद और नई शुरुआत की मिसाल है। पाकिस्तान में बेनजीर भुट्टो की सरकार में सांसद रहे डबाया राम अपने परिवार के साथ साल 2000 में भारत आए थे। तब से पिछले 25 सालों से वे भारतीय नागरिकता की उम्मीद में हैं।
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डबाया राम बताते हैं कि पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के लोग बहुत कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे थे। इसलिए उन्होंने अपने परिवार के साथ भारत आने का फैसला किया। शुरुआत में वे एक महीने के वीजा पर भारत आए थे, लेकिन बाद में उन्होंने वीजा की अवधि बढ़वाई – पहले सालाना, फिर एक साल और बाद में पांच साल के लिए।
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अब उनके परिवार में 34 सदस्य हैं, जिनमें से छह को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है, जबकि बाकी 28 सदस्य इसके लिए आवेदन कर चुके हैं और स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं।
पूर्व सांसद डबाया राम और उनके परिवार ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि सरकार को आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उनका कहना था, “अब यह समय है जब आतंकियों को उनके घर में घुसकर मार दिया जाए।”
पाकिस्तान में सांसद जैसे बड़े पद पर रहने के बावजूद, डबाया राम अब भारत के हरियाणा राज्य के फतेहाबाद में कुल्फी और आइसक्रीम बेचकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। वे बताते हैं कि स्थानीय समुदाय ने उन्हें पूरा साथ दिया है, जिससे वे और उनका परिवार यहां शांति से रह पा रहे हैं।
डबाया राम कहते हैं, “भले ही हम यहां कुल्फी बेच रहे हैं, लेकिन हमें शांति है। हम जो कर रहे हैं, उस पर हमें गर्व है।”
यह कहानी संघर्ष और नए अवसर की है, जो न केवल भारत में शरण लेने वालों के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत में शांति और समर्थन की कितनी अहमियत है।