खतौली। भाजपा राज में सरकारी अधिकारी क्या बेलगाम हैं? यह सवाल उस समय खड़ा हुआ, जब कद्दावर भाजपा नेता राजू अहलावत को एक ग्रामीण की समस्या का निदान कराने के लिए तहसील में दरी बिछवाकर धरने पर बैठना पड़ गया। भाजपा नेता राजू अहलावत द्वारा एसडीएम और नायब तहसीलदार को अपने साथ दरी पर बैठाते ही ग्रामीण की दो साल से तहसील में अटकी मुआवजे की फाइल आनन-फानन रेल विभाग को भेज दी गई।
गांव भैंसी निवासी किसान मनोरा की जमीन रेल विभाग द्वारा अधिकृत की गई थी। किसान मनोरा को ज़मीन का मुआवजा तो मिल गया था, जबकि उनकी जमीन पर लगे बोरिंग का मुआवजा उन्हें आज तक नही मिल सका था। आरोप है कि बोरिंग का मुआवजा लेने के लिए किसान मनोरा और उनकी पत्नी महेंद्री बीते दो सालों से तहसील के चक्कर काट रहे थे, लेकिन नायब तहसीलदार राजीव त्यागी द्वारा मुआवजे की फाइल तैयार करके रेल विभाग को रैफर नहीं की जा रही थी।
महिला ग्रामीण महेंद्री का आरोप था कि नायब तहसीलदार द्वारा अधिकृत की गई उनकी जमीन पर बिना जांच किए ही बोरिंग के अस्तित्व को नकारा जा रहा था। पानी सिर से ऊपर होने के चलते महेंद्री द्वारा अपनी आपबीती से अवगत कराए जाने पर भाजपा नेता राजू अहलावत ने गुरुवार प्रातः तहसील पहुंचकर नायब तहसीलदार के कार्यालय पर तालाबंदी करके इन्हें अपने साथ धरने बैठा लिया।
तहसील में धरना प्रदर्शन होने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची एसडीएम अपूर्वा यादव ने भाजपा नेता राजू अहलावत से मामले की जानकारी लेकर समस्या का निदान कराने का आश्वासन दिया, लेकिन राजू अहलावत ने समस्या का तत्काल निदान होने की बात करके एसडीएम अपूर्वा यादव को भी धरने पर बैठा लिया।
राजू अहलावत द्वारा पूरे मामले से अवगत कराते ही एसडीएम अपूर्वा यादव के आदेश पर नायब तहसीलदार राजीव त्यागी ने कुछ ही देर में किसान मनोरा के मुआवजे की फाइल तैयार करके उसे रेल विभाग को रैफर कर दी। इस अवसर पर राजू अहलावत ने तहसील के अधिकारियों को किसानों को तहसील के चक्कर कटवाने के बजाए इनकी समस्याओं का निदान प्राथमिकता से करने की नसीहत दी। धरने में बड़ी संख्या में महिला पुरुष ग्रामीण मौजूद रहे।