कैथल। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ बाबू लाल ने बताया कि जिला उपायुक्त प्रीति के दिशा-निर्देशानुसार खण्ड व जिला स्तर पर फसल अवशेष प्रबन्धन को लेकर टीमों का गठन किया गया है। डीसी द्वारा जारी किए गए आदेशों के तहत भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत समस्त कैथल जिले में गेहूं की फसल की कटाई के बाद बचे हुए अवशेषों को जलाने को लेकर प्रतिबंध लगाया गया है। अगर कोई किसान फसल अवशेषों को जलाते हुए पाया गया तो भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 व संपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत दो एकड़ तक पांच हजार रुपये, पांच एकड़ तक 10 हजार रुपये, पांच एकड़ से ऊपर 30 हजार रुपये तक का जुर्माना व इसके साथ रेड एंट्री और अगले दो सीजन तक अपनी फसल को बेच नहीं सकता। किसान फसल अवशेषों को खेत में ही जलाकर मित्र कीटों को नष्ट कर देते है।
उपमंडल कृषि अधिकारी डा सतीश कुमार नारा ने बताया कि अगर फसल अवशेषों को मिट्टी में मिलाया जाता है तो उससे हमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर व 50-70 प्रतिशत तक सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति होती है। फसल अवशेषो को जलाने से जैविक कार्बन खत्म हो जाता है जोकि मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढाने में बहुत उपयोगी तत्व है। विभाग द्वारा समय-समय पर किसानों को आधुनिक कृषि यन्त्र जैसे एस.एम.एस सिस्टम, सूपर सीडर, हप्पी सीडर, एम.बी.प्लो, स्ट्रा बेलर मशीन, स्ट्रा चौपर आदि पर व्यक्तिगत रूप से 50 प्रतिशत अनुदान व किसान समूहों को 80 प्रतशित तक अनुदान पर दिये जाते है।