देहरादून। उत्तराखंड के सुदूर पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों की रसोई गैस सिलेंडर की रिफिल की समस्या का समाधान करने के लिए राज्य सरकार ने “ईंधन सखी” योजना शुरू की है। राज्य सरकार मिनी गैस एजेंसी के जरिए इस कमी को दूर करेंगी। मिनी गैस एजेंसी का संचालन स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं करेंगी।
राज्य सरकार ने 4 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है।। इसके लिए सरकार ने एचपी कंपनी से करार किया है। ग्राम्य विकास विभाग ने मिनी गैस एजेंसी योजना शुरू की है।
अपर सचिव एवं आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग, आनंद स्वरूप ने बताया कि इस योजना के दो उद्देश्य हैं। पहला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आय बढ़ाना और दूसरा सुदूर क्षेत्रों में आसानी से गैस पहुंचाना। शीघ्र ही योजना अन्य जिलों में भी शुरू होगी। एचपी कंपनी की ओर से महिलाओं को मिनी गैस एजेंसी संचालन की ट्रेनिंग दी जाएगी। अभी तक उत्तरकाशी की 40, टिहरी की 16 और हरिद्वार की पांच महिलाओं सहित कुल 61 ईंधन सखी तैयार हो चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि मिनी गैस एजेंसी में हर वक्त पांच भरे हुए गैस सिलिंडर उपलब्ध रहेंगे। कंपनी की ओर से हर सिलिंडर पर 20 रुपये तक कमीशन मिलेगा। बर्नर, चूल्हा, इसकी सर्विस, गैस पाइप, नए कनेक्शन देने, डीबीसी कनेक्शन पर भी कंपनी की ओर से कमीशन दिया जाएगा। गांव-गांव में प्रचार-प्रसार करने पर एक हजार रुपये अलग से मिलेंगे।