लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अटल जी राजनीति के अजात शत्रु थे। उनके पास सम व विषम परिस्थियों में कार्य करने की अद्भुत क्षमता थी। जनता-जनार्दन को सम्मोहन की अद्भुत साधना जिस एक महान व्यक्तित्व में देखने को मिलती थी, वह नाम अटल जी का था। गरीबों के लिए बनने वाली योजनाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर के बड़े-बड़े कार्य, वैश्विक मंच पर भारत को मिल रहे सम्मान व विरासत के सम्मान की आधारशिला अटल जी ने रखी थी।
उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती की पूर्व संध्या पर आयोजित ‘अटल गीत गंगा’ कार्यक्रम में कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कई विभूतियों को सम्मानित भी किया।
अटल जी की जन्मतिथि का शताब्दी वर्ष होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आयोजन का महत्व इस वर्ष और अधिक हो गया। जिन बातों को लेकर अटल जी ने कभी लिखा था- हिंदू तन मन, हिंदू जीवन, रग-रग हिंदू मेरा परिचय… जिन मूल्यों व आदर्शों के लिए अटल जी ने जीवन जिया था, उसका मूर्त रूप प्रभु राम का भव्य मंदिर, 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री मोदी के करकमलों से इसका शुभारंभ होगा। यह भी अद्भुत संयोग है कि यह वर्ष अटल जी की जन्मतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। 25 दिसम्बर 1924 को अटल जी का जन्म हुआ था। पूरे वर्ष अनेक कार्यक्रम होंगे और 25 दिसम्बर 2024 को भव्य समारोह देखने का अवसर भी हमें प्राप्त होगा।
घरेलू हो या विदेशी मोर्चा, अटल जी राह बनाते गए
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ऐसा व्यक्तित्व, जिसने मूल्यों व आदर्शों की स्थापना की। स्थिर सरकारें कैसे उपयोगी होती हैं, इसकी शुरुआत अटल जी ने 1998 से की। आज वही परंपरा चल रही है। अटल जी ने बताया कि लंबे समय तक कार्य करते हुए भी मूल्यों, आदर्शों व प्रतिबद्धता से जनता-जनार्दन की सेवा कर सकते हैं। भारत के अंदर, भारत के अनुरूप विकास के बड़े-बड़े कार्यक्रमों को लागू कर सकते हैं। अटल जी ने यह करके दिखाया। घरेलू हो या विदेशी मोर्चा, अटल जी राह बनाते गए।
जिसके मन में गरीबों के लिए संवेदना समाप्त हो जाए, उसे मनुष्य कहने का अधिकार नहीं
उन्होंने कहा कि अटल जी ने कहा था- मेरे प्रभु मुझे जितनी ऊंचाई कभी न देना कि गैरों को गले न लगा सकूं। उनकी संवेदना को देखें। हम बड़ी-बड़ी बातें करें लेकिन गरीब, आमजन, नौजवान, महिलाओं के लिए संवेदना समाप्त हो जाए तो उसे मनुष्य कहने का अधिकार नहीं है। अटल जी ने भारत की राजनीति को आइना दिखाया। नई दिशा दी। अटल जी के पास राजनीति का लंबा अनुभव रहा। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सानिध्य व दीनदयाल उपाध्याय के साथ मिलकर भारत की भावी राजनीति की जो रूपरेखा तैयार की गई। अटल जी ने सफलतापूर्वक उसकी आधारशिला खड़ी की। आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में उसी आधार पर नया स्वरूप हम सभी भारतवासी नए रूप में देख रहे हैं।
अटल जी के महान व्यक्तित्व से नई पीढ़ी को प्रेरित करेंगे
योगी ने कहा कि अटल गीत गंगा से वर्ष भर के कार्यक्रम की शुरुआत हो गई। उन्होंने कहा कि अटल जी के शताब्दी महोत्सव पर राज्य सरकार भव्यता के साथ विकास खंड, ग्राम पंचायत, जनपद, कमिश्नरी, महाविद्यालय, विश्वविद्यालय, विधानसभा, राज्य स्तर पर बड़े-बड़े आयोजन करेगी। राज्य सरकार नए लोगों को आगे बढ़ने को प्रेरित करते हुए छिपी प्रतिभाओं को मंच प्रदान करेगी। स्कॉलरशिप जारी करेगी। अटल जी जैसे महान व्यक्तित्व को जनता-जनार्दन तक लाकर फिर से भारतीय राजनीति के मूल्यों को नई पीढ़ी की प्रेरणा के लिए रखने का प्रयास करेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि अटल जी पर शोध भी होना चाहिए।
कार्यक्रम संयोजक उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अतिथियों का स्वागत किया। सुप्रसिद्ध कवि डॉ कुमार विश्वास ने एकल काव्य पाठ किया।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, योगी सरकार के मंत्री डॉ संजय निषाद, दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, विधायक पंकज सिंह, नीरज बोरा, योगेश शुक्ल, विधान परिषद सदस्य सुभाष यदुवंश, रामचंद्र प्रधान, मुकेश शर्मा, अवनीश सिंह, पवन सिंह, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष कमलेश मिश्र, महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी आदि मौजूद रहे।