लखनऊ- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सिटी बस सेवा में ई बस संचालकों की भागीदारी की वकालत करते हुये कहा कि जनहित में इन बसों का रुट व किराया निर्धारित किया जाये।
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नगर विकास विभाग में संचालित परियोजनाओं की समीक्षा करते हुये उन्होने कहा कि पर्यावरण अनुकूल स्वच्छ ईंधन वाली बसों को नगरीय परिवहन में प्रोत्साहित करने के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। वर्तमान में 15 नगरों में 700 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है। यह सुनिश्चित किया जाए कि 15 वर्ष से अधिक समय तक किसी भी डीजल/सीएनजी बसों का उपयोग न हो। इन्हें स्क्रैप कराया जाए। इनके स्थान पर ई-बसें लाई जानी चाहिए।
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उन्होने कहा कि सिटी बस सेवा में निजी ई-बस संचालकों को भी अवसर दिया जाना चाहिए। व्यापक जनहित के दृष्टिगत इनका किराया रेग्युलेट किया जाना चाहिए। इनके पार्किंग की जगह तय हो, रूट तय हो। इन निजी ई-बसों को समीपस्थ कस्बों से कनेक्ट किया जाए। नगरीय परिवहन में यह अच्छा प्रयास हो सकता है।
योगी ने कहा कि नगरों में वाहन पार्किंग दिनों-दिन चुनौती बनती जा रही है। पार्किंग को मांग, स्थान और समय के अनुरूप व्यवस्थित किये जाने की आवश्यकता है। शुल्क में समरूपता होनी चाहिए। स्थानीय व्यापारियों, दुकानों, कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों आदि का मासिक पास बनाया जाए। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करायें कि प्रदेश में कहीं भी पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली न होने पाए।
उन्होने कहा कि नगरों में विज्ञापन होर्डिंग लगाए जाने में एकरूपता हो। खतरनाक होर्डिंग के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले बोर्ड को वरीयता दें। अवैध होर्डिंग को तत्काल हटवाएं। सभी नगरीय निकायों के लिए सुस्पष्ट नियामवली होनी चाहिए। यह निकाय की आय का अच्छा माध्यम भी बनेगा। यह सुनिश्चित करायें कि विज्ञापन होर्डिंग किसी महापुरुष की प्रतिमा/चित्र को विकृत न करता हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निगमों/नगर पालिका/नगर पंचायतों में अचल संपत्तियों के नामांतरण, पंजीयन, वसीयत आदि प्रकरणों में नगर निकायों में लिए जाने वाले शुल्क में एकरूपता नहीं है। व्यवस्था ऐसी बनाएं कि सभी नगर निकायों में एकसमान प्रक्रिया और एकसमान शुल्क प्रभावी हो।
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उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने सभी जिला मुख्यालय वाले नगर निकायों में स्मार्ट नगर पालिका के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना बनाई है। स्मार्ट नगर पालिकाओं में डिजिटल गर्वनेंस, वैल्यू एडेड सिटिजन सर्विस जैसे वायु और जल प्रदूषण की मॉनीटरिंग, जल भराव की समस्या की मॉनीटरिंग, स्मार्ट पार्किंग, स्मार्ट लाइट मैनेजमेन्ट, प्रदर्शनी स्थल, ऑडिटोरियम, वेंडिंग ज़ोन, डिजिटल लाइब्रेरी, नवीकरणीय ऊर्जा प्रकल्पों को प्रोत्साहन जैसे ईज़ ऑफ लिविंग के दृष्टिगत उपयोगी कार्य होंगे। इन निकायों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो। इस संबंध में बजट आवंटित किया गया है। विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें।
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योगी ने कहा कि प्रयागराज में वेस्ट मैटेरियल से तैयार शिवालिक पार्क श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। यह एक अच्छा मॉडल बना है, इसी तर्ज पर नगर के वेस्ट और धातु अपशिष्ट का सदुपयोग करते हुए मथुरा-वृंदावन नगर निगम सीमा में भव्य ‘कृष्ण लोक’ पार्क तथा अयोध्या में लवकुश पार्क एवं श्रीपुरुषोत्तम दर्शन अनुभव केंद्र तैयार किया जाना चाहिए। यहां भगवान राम, भगवान कृष्ण तथा लवकुश के जीवन चरित्र से जुड़ी कथाओं को दर्शाया जाए। 3डी इंटरैक्टिव मॉडल, लाइट एन्ड साउंड शो हो। यह श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण के केंद्र बनेंगे।
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उन्होने कहा कि स्ट्रीट डॉग के काटने की समस्या गंभीर होती जा रही है। इसका स्थायी समाधान किया जाना चाहिए।
नगर निकायों में मैनपॉवर की कमी नहीं होनी चाहिए। जहां कहीं पद रिक्त हैं, तत्काल भर्ती की कार्यवाही करें। जहां आउटसोर्सिंग से तैनाती होनी हो, बिना विलंब प्रक्रिया पूरी करें।
योगी ने कहा कि सभी नगर निकायों को अपनी आय बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास भी करने होंगे। लखनऊ, गाजियाबाद और आगरा नगर निगम के बाद अब इसी माह वाराणसी और प्रयागराज नगर निगम द्वारा म्युनिसिपल बॉन्ड जारी किया जाने वाला है। इसी वित्तीय वर्ष में गोरखपुर, मेरठ और कानपुर नगर निगमों द्वारा म्युनिसिपल बांड जारी करने की तैयारी करें।
उन्होने कहा कि बरसात प्रारम्भ होने से पूर्व सभी नगरीय निकायों में ड्रेनेज व्यवस्था को बेहतर कर लिया जाए। कहीं भी जलभराव न हो, इसके लिए समय से तैयारी कर लें। आवश्यकता हो तो नए नाले भी बनाएं।