Friday, September 20, 2024

अगले वर्ष मार्च तक केंद्र सरकार के सभी पेंशनभोगी डिजिटल माध्यम का कर सकेंगे उपयोग

नई दिल्ली। राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (डीएलसी) अभियान के तहत 1.29 करोड़ पेंशनभोगियों ने डीएलसी जमा किया है। इसके फलस्वरूप फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का उपयोग करके उत्पन्न डीएलसी की संख्या 21.34 लाख से अधिक पहुंच गई। डीएलसी की आयु-वार पीढ़ी के विश्लेषण से पता चलता है कि 90 वर्ष से अधिक आयु के 27,000 से अधिक पेंशनभोगियों और 80 से 90 वर्ष की आयु के बीच 2.84 लाख से अधिक पेंशनभोगियों ने डिजिटल माध्यम का उपयोग किया है। अगले वर्ष मार्च के अंत तक केंद्र सरकार के सभी पेंशनभोगी डिजिटल माध्यम का उपयोग कर सकेंगे। इसके लिए पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) प्रयासरत है।

मंगलवार को डीओपीपीडब्ल्यू के सचिव वी. श्रीनिवास ने डीएलसी 2.0 की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने इसके लिए पेंशन वितरण बैंकों और पेंशनभोगी कल्याण संघों की उत्कृष्ट सेवाओं की सराहना की। इस मौके पर वी. श्रीनिवास ने कहा कि 31 मार्च 2024 तक केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों के 50 लाख डीएलसी के लक्ष्य को प्राप्त करने हैं। उन्होंने इस बाबत बैंकों, संघों सहित सभी मंत्रालय को निर्देश दिया कि 80 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनभोगियों के लिए एक उच्च स्तरीय केंद्रित दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

डीओपीपीडब्ल्यू ने 16 पेंशन वितरण बैंकों, 50 पेंशनभोगी कल्याण संघ, यूआईडीएआई, एमईआईटीवाई, सभी मंत्रालयों व विभागों के सहयोग से देशभर के 105 शहरों में 602 स्थानों पर 01 से 30 नवंबर, 2023 तक एक राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान का आयोजन किया था। इस अभियान का उद्देश्य डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए डीएलसी व फेस ऑथेंटिकेशन प्रौद्योगिकी के उपयोग के लिए सभी केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों और पेंशन वितरण प्राधिकरणों के बीच जागरूकता फैलाना था।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,334FansLike
5,410FollowersFollow
107,418SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय