श्रीनगर। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष और सांसद फारूक अब्दुल्ला गुरुवार को धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं हुए। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
ईडी ने मामले में पूछताछ के लिए अब्दुल्ला को आज बुलाया था। आधिकारिक सूत्रों ने कहा, ‘वह मामले में पेश नहीं हुए।’ यह मामला जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) के फंड की कथित हेराफेरी से जुड़ा है।
ईडी का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर एक एफआईआर पर आधारित है, जिसने 2002 से 2012 तक जम्मू-कश्मीर क्रिकेट फंड में 113 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी से संबंधित अब्दुल्ला और जेकेसीए के पूर्व पदाधिकारियों पर मामला 2012 में दर्ज किया था।
जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ के आदेश पर 2015 में सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर पुलिस से मामला अपने हाथ में ले लिया और 2018 में मामला दर्ज किया गया।
इस बीच, राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि ईडी या किसी अन्य जांच एजेंसी द्वारा राजनीतिक नेताओं को तलब करना केंद्र सरकार की चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बन गया है।
उन्होंने श्रीनगर में संवाददाताओं से कहा, ‘जब भी चुनाव करीब आते हैं, केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल करती है। इसलिए इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है।’ उन्होंने कहा कि केंद्र विपक्षी नेताओं को बुलाने के लिए ईडी, एनआईए, सीबीआई और अन्य का उपयोग करती है। यह सब राजनीतिक नेताओं को परेशान करने के उद्देश्य से है।