Wednesday, April 9, 2025

गाजियाबाद में नौ समिति के पदाधिकारियों ने किया आवास विकास कार्यालय का घेराव

गाजियाबाद। गाजियाबाद के साहिबाबाद में 9 समितियां के पदाधिकारी ने आवास विकास कार्यालय पर पहुंचकर जमकर हंगामा किया और करीब 3 घंटे तक आवास विकास प्राधिकरण का घेराव भी किया। समिति के पदाधिकारी का आरोप है कि आवास विकास की तरफ से सिद्धार्थ विहार की 12 समितियां को 1 साल पहले 170 करोड रुपए का नोटिस भेजा गया था।

इसके साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि आवास विकास प्राधिकरण ने विकास कार्यों को भी बीते कई सालों से इस इलाके में रोक रखा है, जिसके अभाव में वहां रहने वाले लोगों के पास ना तो सड़क है ना सीवर लाइन और ना ही अच्छी बिजली कनेक्टिविटी।

इन सभी मूलभूत सुविधाओं का अभाव झेल रहे इन समितियां के पदाधिकारी और लोगों ने सरकार के नाम अपना ज्ञापन आवास विकास के अधिकारियों को सौंपा।

शताब्दी सहकारी समिति के सचिव पीके शर्मा का कहना है कि विभाग 25 वर्ष से समितियों का शोषण कर रहा है। वर्ष 2016 में विभाग के बीच हुए समझौते के तहत समितियां सभी शुल्क जमा कर चुकी हैं। वहीं वर्ष 2022 में विभाग ने शासनादेश के तहत समायोजन शुल्क के नाम पर 170 करोड़ रुपये जमा करने को कहा है, जो कि अनुचित है। विभाग ने जब समझौता किया तब शासनादेश क्यों नहीं देखा या फिर अब शासनादेश के तहत पैसा मांग रहा है तो पूर्व में समितियों द्वारा जमा धनराशि वापस लौटाए।

समिति पदाधिकारियों ने कहा है कि जल्द मांग पूरा न होने पर सभी लोग आमरण अनशन करेंगे।

दरअसल, सिद्धार्थ विहार में समितियों ने वर्ष 1988-92 में किसानों से जमीनें खरीदी थी। आवास विकास परिषद ने समितियों और किसानों की जमीन को सिद्धार्थ विहार योजना में समायोजित कर लिया। समितियों की भूमि समायोजित कर बिना आंतरिक विकास किए बल्क में समायोजित जमीन के बदले महज 50 फीसदी जमीन उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद समितियों को दिया।

यह भी पढ़ें :  मंत्री नरेंद्र कश्यप के खिलाफ विकलांग विधवा सेवा समिति का प्रदर्शन, पुतला फूंका

आरोप है कि आविप ने जो 50 फीसदी जमीन समितियों से ली, उसके बदले कोई शुल्क भी नहीं दिया। समिति पदाधिकारियों का कहना है कि 50 फीसदी जमीन पर आविप को डेढ़ गुना विकास शुल्क, लीज रेंट, फ्री होल्ड चार्ज के नाम पर पहले ही करोड़ों रुपये जमा कर दिया गया। बावजूद इसके वर्ष 2022 में आविप की ओर से समायोजन शुल्क लगाया गया है। उस पर 18 फीसदी ब्याज लग रहा है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

76,719FansLike
5,532FollowersFollow
150,089SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय