गाजियाबाद। शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने एक नई पहल की घोषणा करते हुए कहा है कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की सहायता से इस्लाम के सत्य की खोज करेंगे। इसके लिए उन्होंने आगामी 6 मई को शिवशक्ति महोत्सव के अंतिम दिन देश के प्रमुख इस्लामिक धर्मगुरुओं को आमंत्रित किया है।
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महामंडलेश्वर ने इस संबंध में एक वीडियो जारी कर बताया कि वे इस आयोजन में भारत के शीर्ष मुस्लिम धर्मगुरुओं—जैसे मौलाना अरशद मदनी, मौलाना महमूद मदनी, मौलाना साद, मौलाना तौकीर रजा, और सांसद असदुद्दीन ओवैसी—को आमंत्रित कर रहे हैं। इस शास्त्रार्थ में उनके साथ तुफैल चतुर्वेदी, नीरज अत्री, और कई पूर्व मुस्लिम विद्वान (एक्स-मुस्लिम्स) भी शामिल होंगे।
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इस आयोजन की विशेष बात यह होगी कि इसमें प्रस्तुत किए गए सभी तर्कों और विचारों को रिकॉर्ड किया जाएगा, और फिर उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की सहायता से विश्लेषित किया जाएगा। यति नरसिंहानंद गिरी का कहना है कि AI सत्य और निष्पक्षता के आधार पर यह मूल्यांकन कर सकेगा कि तर्कों में किसका पक्ष मजबूत है और कौन सही है।
महामंडलेश्वर ने कहा कि “हमारा उद्देश्य किसी धर्म का अपमान नहीं, बल्कि मानवता की रक्षा करना है। हम केवल सत्य की खोज कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शास्त्रार्थ के दौरान किसी भी प्रकार की असभ्यता या अपमानजनक भाषा का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
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यति नरसिंहानंद गिरी ने बताया कि इस्लामिक धर्मगुरुओं के सम्मान में विशेष शाकाहारी व्यंजन तैयार किए जाएंगे ताकि उनकी मेहमाननवाजी में कोई कमी न रह जाए।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की है कि इस आयोजन पर ध्यान दें, क्योंकि यह सम्मेलन केवल धार्मिक विमर्श नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता की रक्षा का मार्ग भी प्रशस्त कर सकता है।