मुज़फ्फरनगर। एसएससी टेबल मेमोरियल ट्रस्ट के संस्थापक, भारत तिब्बत सहयोग मंच मेरठ प्रांत के पर्यावरण संचालक ने अपने कार्यालय पर अपनी टीम के जुड़े लोगों के साथ पर्यावरण विषय पर चर्चा की, जिसमें मुख्य रुप से मुख्य संरक्षक उषा दास, सुभाष चंद्र गुप्ता, विष्णु स्वरूप अग्रवाल, अजय कुमार, अरुण कुमार, मोहम्मद सुहैल, लोकेश चंद्रा, सीमा दास आदि मौजूद रहे।
एडवोकेट संदीप दास ने अपने विचार रखते हुए कहा कि पेड़, गंध और प्रदूषक गैसों जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड, अमोनिया, सल्फर डाई ऑक्साइड और ओजोन को अवशोषित करते हैं और हवा के कणों को अपनी पत्तियों और छाल में फंसा कर फिल्टर करते हैं, एक एकड़ में परिपक्व पेड़ 18 लोगों के लिए एक वर्ष तक पर्याप्त ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, एक परिवार के घर के आस-पास लगाए गए तीन पेड़ गर्मियों में एयर कंडीशनिंग की जरूरत को 50% तक कम कर सकते हैं, अपने घरों को ठंडा करने के लिए ऊर्जा की मांग को कम करके हम बिजली संयंत्रों से कार्बन डाइऑक्साइड एवं अन्य प्रदूषण उत्सर्जन को भी कम कर सकते हैं।
अध्ययनों से पता चला है कि खिड़की से पेड़ों को देखने वाले रोगी तेजी से और कम जटिलताओं के साथ ठीक हो जाते हैं, पेड़ों और प्रकृति के संपर्क में आने से मानसिक थकान कम होती है और एकाग्रता में मदद मिलती है। अत्यधिक गर्मी सूखा और बाढ़ जैसे जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव से निपटने के लिए पेड़ लगाना प्रभावी समाधान है, पेड़ बुनियादी ढांचे का एकमात्र समाधान है।एक परिपक्व पेड़ एक दिन में चार व्यक्तियों के लिए ऑक्सीजन उपलब्ध कराता है, पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड को अपने फाइबर के मदद से कार्बन डाइऑक्साइड को संग्रहित करता है, जो की हवा को साफ करने तथा कार्बन डाइऑक्साइड से हो रहे नेगेटिव प्रभाव को वातावरण से कम करने में सहायक होता है, इसीलिए अपने घरों के बाहर सभी को एक वृक्ष जरूर लगाना चाहिए और उन वृक्षों का संरक्षण उतना ही जरूरी है, जितना कि वृक्ष लगाना और सांस लेना, क्योंकि यह वृक्ष ही हमें शुद्ध वायु और ऑक्सीजन देते हैं और अनेकों बीमारियों से दूर रखते हैं, हरे भरे पेड़ देखकर हमारी आंखों की रोशनी भी बढ़ती है, साथ ही शुद्ध हवा वायु से स्वस्थय भी अच्छा रहता है।
पेड़ और झाड़ियाँ मिट्टी और जल संरक्षण में सुधार करते हैं, कार्बन का भंडारण करते हैं, छाया प्रदान करके मध्यम स्थानीय जलवायु, तापमान चरम को नियंत्रित करते हैं, वन्यजीवों के आवास में वृद्धि करते हैं और जलवायु परिवर्तन के अनुकूल होने के लिए भूमि की क्षमता में सुधार करते हैं। ये सभी लाभ, वन और झाड़ियाँ पर्यावरण में सुधार प्रदान करते हैं।