जम्मू। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र आयोजित किया गया। इसमें मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की निंदा करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुट रहने की बात कही। आतंकी हमले के खिलाफ समूचे भारत में एक स्वर में हो रही निंदा को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा, “कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पूरा देश इस हमले की निंदा करने के लिए एकजुट है, हालांकि यह पहली बार नहीं है जब हमने इस तरह के हमले देखे हैं।
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बैसरन ने फिर से ऐसा माहौल बना दिया है, जहां हम अब सोच रहे हैं कि अगला हमला कहां होने वाला है। मेरे पास पर्यटकों से कहने के लिए शब्द नहीं हैं। मेजबान के तौर पर यह मेरी जिम्मेदारी थी कि मैं उन्हें सुरक्षित वापस भेजूं। मैं उन बच्चों से क्या कहूं, जिन्होंने अपने पिता को खो दिया, या एक महिला जिसने अपने पति को खो दिया और कुछ दिन पहले ही उसकी शादी हुई थी।” उन्होंने कहा, “पर्यटकों ने पूछा कि उनका क्या कसूर है, वे यहां छुट्टियां मनाने आए थे। जिसने भी यह कायरना हरकत किया, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। 26 साल में पहली बार मैंने लोगों को सड़कों पर देखा।
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कठुआ से लेकर कुपवाड़ा तक, ऐसा कोई शहर नहीं था, जहां लोग बाहर नहीं निकले। लोग खुद ही बाहर आए।” लोगों से मिल रहे समर्थन पर उन्होंने कहा, ”आतंकवाद तभी खत्म होगा जब लोग एक साथ आएंगे, और यह इसकी शुरुआत है। बंदूकों के जरिए हम आतंकवाद को नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन इसे रोक नहीं सकते, लेकिन आज लोग हमारे साथ हैं, और उनकी मदद से आतंकवाद को रोका जा सकता है।” सीएम ने विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा। “मस्जिदों में दो मिनट का मौन रखा गया। मैं लोगों की भावनाओं को साथ लेकर चलने की कोशिश करूंगा।” उमर अब्दुल्ला ने स्थानीय पोनी वाला सैयद आदिल हुसैन का जिक्र किया, जो पर्यटकों को बचाने के लिए आतंकवादियों से भिड़ गया था और आतंकवादियों ने उसे मार डाला था।
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उन्होंने कहा, “आदिल के बारे में क्या कहा जाए, उसने अपनी जान की भी परवाह नहीं की। वह खतरे की ओर भागा और पर्यटकों को बचाया। पर्यटकों ने कहा है कि पोनी वालों ने लोगों की जान बचाई। उन्होंने घायलों को अस्पताल पहुंचाया। स्थानीय लोगों ने हर जगह मदद की।” सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हालांकि जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा निर्वाचित सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, लेकिन वह इसका इस्तेमाल राज्य का दर्जा मांगने के लिए नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं इन 26 लोगों के शवों का इस्तेमाल राजनीति करने के लिए नहीं करूंगा।” चर्चा के बाद पहलगाम हमले के खिलाफ विधानसभा प्रस्ताव पारित करेगी।