Wednesday, November 6, 2024

मुजफ्फरनगर में रोटरी चैम्बर का तीर्थाटन-ज्योतिर्लिंग श्रीमहाकाल व ओंकारेश्वर दर्शन किए

मुजफ्फरनगर। रोटरी चैम्बर के तत्वाधान में 45 सदस्यों के दल द्वारा श्रीमहाकाल यात्रा का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ प्रसिद् नगर चिकित्सक डॉ ईश्वर चंद्रा द्वारा हरी झंडी दिखा कर किया गया। दल का नेतृत्व संदीप कुच्छल व अनिल सोबती के द्वारा किया गया।

वरिष्ठ सदस्य अशोक शर्मा व नीरा शर्मा की वैवाहिक वर्षगांठ भी सदस्यों द्वारा केक काट कर मनायी गयी। प्रथम दिवस सभी सदस्यगण ने उज्जैन स्थित काल भैरव के दर्शन किये। इस मंदिर की मान्यता है कि यहाँ शिव काल भैरव के रूप में निवास करते है। तत्पश्चात सभी सदस्य परिवार महाकाल कॉरिडोर पहुंचे। वहां का दृश्य अति मनोहारी था।

विशाल कोरीडोर आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार पूर्णतया स्वच्छ था। मनोज सेठी ने बताया की 750 करोड़ से निर्मित यह परिसर इतना विशाल है कि पूरा मंदिर परिसर में घूमने और सूक्ष्मता से दर्शन करने के लिए 5 से 6 घंटे का वक्त लगता है। इस विशाल क्षेत्र में भगवान शिव के 190 अलग-अलग रूप के दर्शन होते है। शिव तांडव स्त्रोत से लेकर शिव विवाह और अन्य प्रसंगों को भी बड़ी खूबसूरती से तराशा गया है।

इसमें महाकालेश्वर वाटिका, महाकालेश्वर मार्ग, शिव अवतार वाटिका, प्रवचन हॉल, नूतन स्कूल परिसर, गणेश विद्यालय परिसर, रूद्रसागर तट विकास, अर्ध पथ क्षेत्र, धर्मशाला और पार्किंग सुविधाए पूर्णतया व्यवस्थित है। इस कॉरिडोर में हर घंटे करीब एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर सकते है। त्रिवेणी संग्रहालय के पास ही महाकाल पथ का बड़ा द्वार स्थित है। और बीच में फाउन्टेन, लाइट एंड साउंड सिस्टम भी है। इसके सामने पवेलियन जैसी व्यवस्था श्रद्धालुओं के लिए की रही है।

यहाँ सदस्यों ने शीघ्र दर्शन व्यवस्था के अंतर्गत दर्शन किये। इसके बाद सदस्यों ने शिप्रा नदी के तट पर स्नान किया। वरिष्ठ सदस्य वीरेंदर अग्रवाल तथा राजेंदर सिंघल ने बताया कि उज्जैन शिप्रा नदी तथा नर्मदा नदी का संगम है। अतः यहाँ स्नान करना अति पुण्य लाभ देता है। संध्या कालीन आरती का दृश्य विहंगम दृश्य प्रस्तुत कर रहा था। अगला पड़ाव हरसिद्धि मंदिर रहा। यहाँ चिंतामन गणेश के दर्शन उपरांत माता की आरती में भाग किया। यहाँ की विशेषता दीपको से सुसज्जित ऊँचे दो स्तम्भ रहे। विशेष रूप से पारंगत युवको की टोली जब इन स्तम्भों पर लगे दीपको को प्रज्ज्वलित करता है तब उपस्थित विशाल जनसमूह हर्ष से भर उठता है।

पुनः सभी कॉरिडोर पहुंचे जहाँ प्रकाश व्यवस्था से जगमगाता कॉरिडोर इतना अद्भुत लग रहा था जिसका शब्दों में वर्णन संभव नहीं है। यात्रा के दुसरे दिन सदस्यों ने भस्म आरती में प्रस्तुत रहकर श्रीमहाकाल के श्रृंगार दर्शन किये। श्रृंगार के समय महाकाल के विभिन्न मनोहारी रूपों ने सभी को सम्मोहित कर दिया। इसके पश्चात् गर्भ गृह में प्रवेश करके सभी ने शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।

अगले पड़ाव में सदस्यों ने विश्व के सब बड़े शनि मंदिर, तथा श्री मंगल नाथ मंदिर के दर्शन किये । इस मंदिर की विशेषता यह रही की यदि किसी की कुंडली में मंगल दोष है तब उसका निवारण यही संभव है। इसके पश्चात् प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर के दर्शनों के बाद ममलेश्वर मंदिर के दर्शन भी किये। रात्रि काल में इंदौर स्थित सराफा बाजार के विभिन्न व्यंजनों का स्वाद चखा व गोल्डन में नेमा की गोल्ड कुल्फी का आनंद उठाया। सुभाष साहनी, अजय भार्गव व् अनिल प्रकाश के अनुसार यात्रा का तीसरा दिन पूर्णतया पर्यटन को समर्पित रहा। इंदौर स्थित खजराना गणेश मंदिर के दर्शन उपरांत अहिल्याबाई होल्कर के महल लालबाग़ का अवलोकन किया।

प्रसिद्ध छप्पन दुकान मार्किट में विभिन्न व्यंजनों का आनंद लेने के पश्चात् यात्रा के अंत में सभी बड़ा गणेश मंदिर पहुंचे। अजय गुप्ता, महेश जिंदल, गौरव गुप्ता व मानव अरोरा, इनरव्हील अध्यक्षा संगीता अग्रवाल, नीरा शर्मा, शशि सोबती, चेतना सेठी, राखी कुच्छल आदि का यात्रा व्यवस्थाओ में विशेष योगदान रहा।

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