मुजफ्फरनगर। कचहरी परिसर स्थित कलेक्ट्रेट पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश उपाध्यक्ष अकील राणा के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी के सांसद मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के विरोध में जमकर प्रदर्शन करते हुए भाजपा सरकार पर कसीदे कसे।
इस दौरान आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष वकील राणा ने भाजपा की योगी सरकार एवं मोदी सरकार को तानाशाही सरकार बताते हुए कहा कि यह सरकार अडानी की सरकार है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश में भाजपा सरकार सत्ता में पूरी पावर के साथ बैठी है, मगर इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बता रही है, वह यह है कि नाम फूल का है मगर सरकार अडानी की चल रही है। केंद्र में बैठे नरेंद्र मोदी अडानी के हाथों की कठपुतली बनकर रह गया है।
उन्होंने कहा कि आगामी 2024 में होने वाले चुनाव में भाजपा सरकार को अपनी हार निश्चित नजर आ रही है। जिसके चलते भाजपा के तमाम पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता बौखलाए हुए हैं, जिस कारण विपक्ष के नेताओं को झूठे एवं फर्जी केस में फसाकर जेल भेजने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के सभी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं के घर पर ईडी, सीबीआई आदि की जांच बैठा दी गई है।
उन्होंने कहा कि सत्ता में काबिज भाजपा की सरकार है, बावजूद इसके छापेमारी विपक्ष के नेताओं एवं कार्यकर्ताओं पर की जा रही है। उन्होंने भाजपा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने एवं देश एवं प्रदेश की भोली भाली जनता को लाभकारी योजनाओं का लालच देकर सत्ता हासिल करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल देश एवं प्रदेश की जनता को बरगलाकर वोट हासिल कर सकती है, मगर विकास नहीं करा सकती जबकि देश एवं प्रदेश की जनता विकास चाहती है। वहीं भाजपा सरकार द्वारा देश एवं प्रदेश की जनता को महंगाई की मार झेलने के लिए छोड़ दिया गया है।
उन्होंने कहा कि आज महंगाई सातवें आसमान पर है और रोजगार जीरो नजर आ रहा है। सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा द्वारा देश एवं प्रदेश के युवाओं को नौकरी एवं महंगाई पर अंकुश लगाने की बात कही थी, मगर अफसोस दोनों में से एक भी वादा पूरा नहीं किया गया, यही कारण है कि आगामी 2024 में होने वाले चुनाव में भाजपा को अपने हाथों से सत्ता छूटती नजर आ रही है, जिस कारण विपक्ष में बैठे सीधे-साधे एवं जनता के लोकप्रिय नेताओं पर छापेमारी एवं ईडी व सीबीआई की जांच बैठाई जा रही है ताकि विपक्ष में बैठे तमाम नेता जेल में बंद हो जाए और चुनाव के दौरान विपक्ष में कोई भी विकल्प रहे।