Saturday, May 11, 2024

मुज़फ्फरनगर में रात होते ही गूंजने लगती है गोलियों की तड़तड़ाहट, योगीराज में भी नहीं सुधर रहे भू-माफिया

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मोरना। प्रसिद्ध तीर्थस्थल शुकतीर्थ के खादर क्षेत्र के हस्तिनापुर अभ्यारण्य क्षेत्र में भूमाफियाओं और शिकारियों का वर्चस्व हर रोज बढ़ रहा है, जिसका खामियाजा वन क्षेत्र में रहने वाले बेजुबान जानवरों को चुकाना पड़ रहा है। भूमाफिया जमीनों को समतल करने के लिए जमीनों को आग के हवाले कर देते हैं।

कुछ जानवर या तो वहां से भाग जाते हैं या कुछ आग में जलकर मर जाते हैं। जो जानवर इससे बच निकलते हैं उन्हें रात के अंधेरे में शिकारियों की गोलियों का शिकार होना पड़ता है। रात होते ही वन क्षेत्र गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठता है।

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मुजफ्फरनगर व बिजनौर सीमा पर स्थित गंगा खादर क्षेत्र में दोनों जनपदों के गौ पालक गायों और गोवंशो को क्षेत्र के जंगल में चराते आ रहे हैं। परमधाम न्यास की ओर से प्रत्येक वर्ष अपने स्तर से गोवंश के लिए अस्थाई गौशाला का निर्माण किया जाता है। परमधाम के अनुयायियों द्वारा गोवंश के लिए चारे आदि की व्यवस्था भी की जाती है। यह सारी व्यवस्था परमधाम की ओर से की जाती है, जिसमें सरकार की ओर से किसी प्रकार का अनुदान या सहायता नहीं मिलती।

बरसात के मौसम में गायों को शुकतीर्थ स्थित गौशाला में ले जाया जाता है, जिसके बाद प्रत्येक वर्ष गंगा खादर क्षेत्र में एक अस्थाई गौशाला का निर्माण कर गोवंश को पास में स्थित वन विभाग की भूमि पर चरने के लिए ले जाया जाता है। गंगा खादर क्षेत्र के वन विभाग की इस भूमि पर वर्षों से भू-माफिया कब्जा किए हुए हैं और खेती आदि कर कमा रहे हैं।

बीते शुक्रवार को इन भू माफियाओं द्वारा बड़ी दूरगामी घटना को अंजाम देते हुए भूमि पर कब्जा करने की नियत से जंगल में आग लगा दी गई थी, जिससे अस्थाई गौशाला में रह रहे 4 गोवंश इस आग की भेंट चढ़ गए और उनकी दर्दनाक मौत हो गई। इसके बाद हुए हंगामे के बीच मौके पर पहुंचे भोपा पुलिस और लेखपाल ने परमधाम के अनुयायियों को समझा-बुझाकर पशु चिकित्सकों की टीम को बुलाया और गोवंश का पोस्टमार्टम कराकर उन्हें जमीन में दबा दिया।

इस बीच वहां पर मौजूद ग्रामीणों ने गंगा खादर क्षेत्र में शिकारियों की क्रूरता की कहानी बयान की, जिसमें उन्होंने बताया कि पूरी रात गंगा खादर क्षेत्र में शिकारियों की आमद होती है और पूरी रात वन्यजीवों का धड़ल्ले से शिकार किया जाता है, जिसके बाद वन्यजीवों की खाल और सींगों की तस्करी की जाती है।

भू-माफियाओं द्वारा योगीराज में घटना को अंजाम देकर गोवंश को मौत के घाट उतार देने वाला घटनास्थल दो जनपदों की सीमा से लगा हुआ है, जिनमें शुकतीर्थ, बिहारगढ़ गंगा खादर के जलालपुर बेहड़ा, आखाखेड़ी, नरुरपुर, धारीवाला, रणजीतपुर, शिवपुरी, ब्रहमपुरी आदि गांव तहसील जानसठ के अंतर्गत आते है।

वहीं रावली, नुरोलपुर आदि गांव का रकबा बिजनौर तहसील के अंतर्गत आता है। सीमा विवाद होने के कारण यहां अधिकारियों की उपस्थिति कम ही देखने में मिलती है जिसका फायदा क्षेत्र में भू-माफिया और शिकारी उठा रहे हैं।

जंगल में जगह-जगह वन्यजीवों के अवशेष बिखरे पड़े हैं। ग्रामीणों के अनुसार शिकारी रात को ट्रैक्टर पर सवार होकर आते हैं और पूरी रात गोलियों की आवाज क्षेत्र में गूंजती रहती है, सुबह वन्यजीवों के अवशेष बिखरे हुए मिलते हैं।

गंगा खादर क्षेत्र में भू माफियाओं द्वारा वन विभाग की भूमि पर कब्जा करने की नियत से लगाई गई आग से जहां परमधाम न्यास की अस्थाई गौशाला में 4 गोवंश झुलसकर दर्दनाक मौत के आगोश में समा गए वही जंगल में रहने वाले सैकड़ों वन्यजीव काल के गाल में चले गए। गंगा खादर क्षेत्र के इस इलाके में कई प्रकार की वन्यजीवों की दुर्लभ प्रजातियां देखने में मिलती है, वह माफियाओं द्वारा लगाई गई आग के कारण इन वन्यजीवों की जलकर मरने की संभावना जताई जा रही है, जिससे इन वन्यजीवों की दुर्लभ प्रजातियों का खत्म होने के आसार नजर आ रहे हैं।

क्षेत्र में रहने वाले गौ पालक व ग्रामीणों ने इन शिकारियों और भू माफियाओं  पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

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