मथुरा। फाल्गुन सुदी अष्टमी के दिन सोमवार शाम को श्रीजी मंदिर प्रांगण में चारों ओर रंग बिरंगे अबीर गुलाल के सघन बादल, उन बादलों के बीच मोदकों की बरसात, उनके बीच नाचता पांडा, ऊंचे स्वर में ढाप और मृदंग की संगत पर समाजियों द्वारा समाज गायन गाया गया।
सोमवार की शाम नंदगांव से कान्हा के आगमन की सूचना देने आया पांडा मस्ती से झूम कर नाच रहा था। आस्था, उल्लास व मस्ती की त्रिवेणी की लहरें करोड़ों कामदेवों के पांव उखाड़ रही थी। इस अद्भुत नजारे को देखकर हजारों श्रद्धालु खुद को कृतार्थ कर रहे थे।
शाम को लाडिली जी मंदिर का नजारा ही उल्लास और उमंग भर देने वाला रहा। शाम को मंदिर के पट खुलते ही गोस्वामी समाज ने समाज गायन प्रारम्भ कर दिया। नंदगांव से आए पांडा का पुजारी ने स्वागत किया। पांडा ने हर्ष से नृत्य किया। पुजारी और श्रद्धालुओं द्वारा लड्डुओं को दर्शकों के बीच लुटाया।
लोग प्रसाद रूपी लड्डुओं को पाने को लालायित दिखे। छोटे-बड़े, ऊंच नीच, अमीर-गरीब का भेद मिटा कर सबने समान भाव से लड्डू लूटे। मंदिर में करीब सवा घंटे तक चली इस लड्डू होली के दौरान टनों लड्डू लुटाए गए। समाज गायन के उपरांत रंगीली होली की दूसरी चौपाई निकाली गई।
चौपाई के दौरान गोस्वामी समाज के बुजुर्ग लाडिली जी मंदिर से महीभान मंदिर, सुदामा चौक, फूल गली होते हुई रंगीली के रंगेश्वर महादेव तक पहुंचे।