Saturday, November 23, 2024

प्रीति जिंटा का खुलासा- मेकअप कर सेट पर पहुंचने पर निर्देशक ने धुलवा दिया था चेहरा

मुंबई। फिल्म के जरिए निर्देशक अपनी परिकल्पना के माध्यम से समाज, राजनीति, जाति व्यवस्था और कई अन्य चीजों पर टिप्पणी करते हैं। लेकिन ऐसे बहुत कम निर्देशक हैं, जो इसे सही तरीके से समझ पाते हैं। उन्हीं चंद निर्देशकों में से एक हैं मणिरत्नम और उनकी सबसे अनोखी और दमदार हिंदी फिल्म है ‘दिल से’। इस फिल्म के जरिए मणिरत्नम ने भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य की समस्याओं और 90 के दशक में वहां पनपे आतंकवाद पर आधारित एक कठिन लेकिन सिर को सुन्न कर देने वाली प्रेम कहानी पेश की थी।

हालांकि तब ये फिल्म कुछ खास कमाल नहीं कर पाई लेकिन समय के साथ लोगों को इसके पीछे की गंभीरता समझ में आई और इस फिल्म को क्लासिक का दर्जा मिल गया। फिल्म में शाहरुख खान और मनीषा कोइराला मुख्य भूमिकाओं में थे, जबकि प्रीति जिंटा ने छोटी सहायक भूमिका निभाई थी। यह प्रीति की पहली फिल्म है, इस फिल्म से प्रीति ने मनोरंजन जगत में डेब्यू किया था। हालांकि यह पहली फिल्म थी, लेकिन प्रीति के प्यारे चेहरे ने दर्शकों का दिल जीत लिया। न सिर्फ उनकी परफॉर्मेंस की चर्चा हुई बल्कि फिल्म में उनका नो-मेकअप लुक भी खूब चर्चा में रहा। इसमें आपको प्रीति के चेहरे पर कोई मेकअप नजर नहीं आएगा।

प्रीति ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर फिल्म का एक क्लोज-अप शॉट शेयर करते हुए उस याद को फिर से शेयर किया। इस पोस्ट में प्रीति लिखती हैं, ‘यह तस्वीर ‘दिल से’ के सेट पर शूटिंग के पहले दिन ली गई थी। मैं शाहरुख खान और मणिरत्नम सर के साथ काम करने के लिए बहुत उत्साहित थी। इस लिए मेकअप कर शूटिंग पर पहुंची थी। जब मणि सर ने मुझे देखा तो वह मेरी ओर देखकर मुस्कुराए और बहुत विनम्र शब्दों में मुझसे अपना चेहरा धोने के लिए कहा। तब मैंने कहा था कि मेरा सारा मेकअप खराब हो जायेगा। वे फिर मुस्कुराए और मुझसे कहा, यही तो मैं चाहता हूं। पहले तो मुझे लगा कि वे मजाक कर रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं था। संतोष शिवम को जितना धन्यवाद दिया जाए वह कम है, उन्होंने मेरी ‘दिल से’ मेकअप-मुक्त सुंदरता को कैमरे में बखूबी कैद किया।’

इतनी चर्चित फिल्म होने के बावजूद मणिरत्नम ने अब तक ‘दिल से’ नहीं देखी है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा, ‘मैंने पिछले 25 सालों में एक बार भी ‘दिल से’ नहीं देखी है। इसलिए अब इसका क्या असर होगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। मैंने फिल्म में केवल कुछ दृश्य ही देखे हैं, जिनमें कुछ म्यूट भी हैं। ‘दिल से’ के संगीत की रचना एआर रहमान ने की थी जबकि गुलज़ार ने गीत लिखे थे। यह फिल्म इतनी प्रासंगिक है कि युवा पीढ़ी आज भी ‘दिल से’ के बारे में बात करती है।

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