नई दिल्ली। वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी। मसूद ने कहा कि उन्होंने भी सुप्रीम कोर्ट में इस कानून के खिलाफ याचिका दायर की है क्योंकि यह संविधान की कई धाराओं के विपरीत है। सुप्रीम कोर्ट संविधान का संरक्षक है, और अगर किसी कानून को चुनौती देनी है, तो उसके लिए यही मंच सबसे उचित है।
इमरान मसूद ने उन बयानों की निंदा की जिनमें कुछ मौलानाओं ने यह कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट भी इस कानून के पक्ष में फैसला देगा तो वे उसे नहीं मानेंगे। मसूद ने कहा कि देश कानून से चलता है और हर धर्म, हर नागरिक को कानून का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह की बात कर रहे हैं, वे समाज में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। मसूद ने ऐसे लोगों को “तनख्वाह के लिए ईमान बेचने वाले” बताते हुए कहा कि समाज में लड़ाई भड़काने से सभी को नुकसान होगा। खुद को भी, दूसरों को भी और देश को भी। सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड केस में चार्जशीट दाखिल किए जाने को लेकर मसूद ने कहा कि ईडी जैसी प्रतिष्ठित संस्था की विश्वसनीयता पर अब लोगों को भरोसा नहीं रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी का उपयोग राजनीतिक हथियार की तरह किया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि जहां-जहां राहुल गांधी जाते हैं, वहां ईडी की कार्रवाई शुरू हो जाती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह बदले की राजनीति का हिस्सा है। रॉबर्ट वाड्रा से ईडी की पूछताछ पर मसूद ने कहा कि यह उसी राजनीतिक साजिश की एक और कड़ी है, जिससे सरकार विपक्ष को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने पहले ही इन मंसूबों को उजागर कर दिया है और अब जनता भी इसे समझने लगी है।
मुर्शिदाबाद की घटना और उसमें बांग्लादेशियों की संलिप्तता पर मसूद ने कहा कि अगर घुसपैठ हो रही है तो यह सरकार की नाकामी है। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है, और अगर विदेशी घुसपैठिए आ रहे हैं, तो उन्हें तत्काल देश से बाहर निकाला जाना चाहिए।