नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो ( सीबीआई) ने घूसखोरी के अलग-अलग दो मामलों में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से एक प्रभारी अधिकारी, ईसीएचएस, बुलंदशहर (उ.प्र.) है तो दूसरा कार्यालय अधीक्षक, एसईसीआर, नागपुर (महाराष्ट्र) है। दोनों आरोपितों को क्रमशः 80,000 रु. एवं 10,000 रु. की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। दोनों मामलों में जांच चल रही है।
पहले मामले में सीबीआई ने प्रभारी अधिकारी (ओआईसी), पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) पॉलीक्लीनिक, बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश) को 80,000 की रिश्वत लेते समय गिरफ्तार किया है। इस अधिकारी पर 04 अस्पतालों में संबद्ध ईसीएचएस लाभार्थियों को चिकित्सा संबंधी सेवा के सुचारू संचालन की सुविधा हेतु प्रति माह 1,00,000/- रु. रिश्वत मांगने का आरोप है।
शिकायतकर्ता पर भुगतान के लिए दबाव बनाने पर सीबीआई ने जाल बिछाया एवं आरोपित को शिकायतकर्ता से मांगी गई राशि 1,00,000 रु. में से 80,000 रु. की राशि रिश्वत के तौर पर लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। सीबीआई ने मामला दर्ज कर लिया है। आरोपित व्यक्ति को गिरफ्तार कर ग्रेटर नोएडा में उसके आवासीय परिसरों पर लाया गया है और वहां की तलाशी ली जा रही है।
दूसरे मामले में सीबीआई ने कार्यालय अधीक्षक, कार्मिक प्रभाग, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआर), नागपुर को शिकायतकर्ता से 10,000/- रु. की राशि रिश्वत के तौर पर लेते हुए गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने एक शिकायत के आधार पर आरोपित कार्यालय अधीक्षक, कार्मिक प्रभाग, एसईसीआर, नागपुर के विरुद्ध तत्काल मामला दर्ज किया। शिकायत में उसी संगठन में कार्यरत एक मलेरिया खलासी कार्यकर्ता से उसकी तैनाती और पुन: तैनाती की प्रक्रिया हेतु 15,000/- रु. की रिश्वत मांगने का आरोप है।
परस्पर बातचीत करने पर आरोपित ने शुरूआत में शिकायतकर्ता से 10,000/- रु. राशि लेने पर सहमत हो गया। इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाया एवं आरोपित को शिकायतकर्ता से 10,000/- रु. की तय रिश्वत की राशि लेते हुए पकड़ लिया। आरोपित के कार्यालय और घर की तलाशी ली जा रही है।