नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने डॉक्टर सुसाइड मामले में आम आदमी पार्टी (आआपा) के देवली से विधायक प्रकाश जारवाल को दोषी करार दिया है। स्पेशल जज एमके नागपाल ने यह फैसला सुनाया है।
इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद स्पेशल जज एमके नागपाल ने 8 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से मनीष रावल, आरोपित प्रकाश जारवाल की ओर से वकील एसपी कौशल, आरोपितों कपिल नागर और हरीश कुमार की ओर से वकील रवि द्राल ने दलीलें रखी थीं। इस मामले में 25 अगस्त 2023 को दोनों पक्षों की ओर से गवाहों के बयान पूरे हो गए थे। 11 नवंबर 2021 को कोर्ट ने इस मामले के आरोपितों के खिलाफ आरोप तय किया था। कोर्ट ने हरीश जारवाल को सुसाइड के लिए उकसाने के आरोपों से बरी कर दिया था। कोर्ट ने प्रकाश जारवाल और कपिल नागर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 386, 384, 506 और 120बी के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने आरोपी हरीश जारवाल को धारा 306 और 386 के आरोपों से मुक्त कर दिया जबकि धारा 506 का आरोप तय करने का आदेश दिया था।
28 अगस्त 2021 को दिल्ली पुलिस ने प्रकाश जारवाल समेत तीन आरोपितों के खिलाफ पूरक चार्जशीट दाखिल किया था। इस मामले में प्रकाश जारवाल के अलावा कपिल नागर और हरीश कुमार जारवाल को आरोपित बनाया गया था।
उल्लेखनीय है कि 18 अप्रैल 2020 को डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी की थी। पुलिस ने डॉक्टर के यहां दो पेज का एक सुसाइड नोट बरामद किया था। सुसाइड नोट में प्रकाश जारवाल और कपिल नागर को जिम्मेदार ठहराया था। पुलिस ने एक डायरी भी बरामद की थी। जिसमें डॉक्टर के कुछ पानी के टैंकर जल बोर्ड में चलने की बात कही गई थी। डायरी में उन टैंकर्स के लिए प्रकाश जारवाल पर पैसे मांगने का आरोप लगाया गया था।