आगरा। आगरा में शनिवार रात को सुनीता शर्मा ने पुलिस पर पति को बालकनी से फेंककर मार डालने का आरोप लगाते हुए तहरीर देते हुए एसओ न्यू आगरा सहित दो पुलिसकर्मियों को नामज़द किया है। इनके अलावा तहरीर में दस अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों का भी ज़िक्र है। मृतक अधिवक्ता के परिजनों ने तय किया कि अधिवक्ता का पोस्टमार्टम तभी होने देंगे जब तहरीर के आधार पर मुक़दमा दर्ज होगा और इस घटना में शामिल सभी पुलिसकर्मी गिरफ़्तार कर लिए जाएँगे।
बता दें कि आगरा के सिकंदरा के शास्त्रीपुरम मंगलम आधार अपार्टमेंट की आठवीं मंज़िल की बालकनी से गिरकर हुई अधिवक्ता सुनील शर्मा की मौत के मामले में पुलिस फँसती नज़र आर ही है। अधिवक्ता की पत्नी सुनीता शर्मा का आरोप है कि उनके पति को पुलिसकर्मियों ने बालकनी से फेंक कर मार डाला। इस मामले में एसओ न्यू आगरा राजीव कुमार और चौकी इंचार्ज दयालबाग अनुराग सिंह को निलंबित कर दिया है। साथ ही 10 पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। इसके बाद ही परिजन पोस्टमार्टम कराने के लिए तैयार हुए।
पुलिस आयुक्त को संबोधित प्रार्थनापत्र को ही तहरीर बताते हुए सुनीता शर्मा ने लिखा है कि एक आपराधिक षड्यंत्र के तहत मनोज दीक्षित उर्फ मनोज शर्मा ने उनके पति के खिलाफ न्यूआगरा में मुकदमा दर्ज कराया उनके पति इस संबंध में अधिकारियों से मिले और बेगुनाही के साक्ष्य दिए जिनसे अधिकारी संतुष्ट थे और उन्होंने आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर थाने बुलाया जाएगा। लेकिन शुक्रवार की रात 10:45 बजे पुलिस वाले आए और उनके फ्लैट का दरवाजा खटखटाया। जब उन्होंने दरवाजा खोला तो पुलिसकर्मियों ने कहा कि उनके पति को न्यू आगरा थाने भेज देना आना होगा, उनके ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज है। करीब 10 मिनट बाद पुलिस वालों ने जबरन उनके घर का मुख्य दरवाजा तोड़ दिया।
सुनीता शर्मा का आरोप है कि पुलिस वालों ने अंदर आकर उनके पति अधिवक्ता सुनील शर्मा को दबोच लिया और जान से मारने की नीयत से घसीटकर बराबर वाले फ्लैट नंबर 802 में बंधक बना लिया। 5-7 मिनट बाद उनके पति के चीखने की आवाज आई, वह शोर मचाती हुई बाहर निकलीं। आठ-दस पुलिस वाले जिसमें राजीव सिंह, अनुराग सिंह आदि थे, जो बराबर वाले फ्लैट के कमरे में थे, सभी लोगों ने मिलकर उनके पति को फ्लैट नंबर 802 की बालकनी से नीचे फेंक दिया, जिसके कारण उनके पति की मृत्यु हो गई। उनकी पत्नी सुनीता शर्मा की तहरीर पर पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद 25 घंटे बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स भी तैनात रहा। इससे पहले अधिवक्ताओं ने दीवानी पर जमकर प्रदर्शन किया।