नई दिल्ली। डॉक्टरों को मुफ्त उपहार देने वाली दवा कंपनियों के खिलाफ केंद्र सरकार ने सख्त फैसला लिया है। दवा कंपनियों के लिए केंद्र सरकार की ओर से सख्त दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार ने फार्मास्युटिकल विपणन के लिए एक समान संहिता (यूसीपीएमपी) अधिसूचित की है। इसमें कहा गया है कि कोई भी फार्मा कंपनी या उसका एजेंट किसी भी डॉक्टर और उनके परिजनों को कोई उपहार नहीं देगा। इसके अलावा विदेश दौरे के प्रस्ताव को भी अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा। किसी भी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर/परिवार के सदस्य के व्यक्तिगत लाभ के लिए कोई उपहार नहीं दिया जाना चाहिए या प्रदान नहीं किया जाना चाहिए।
बता दें कि सरकार ने साल 2014 में यूनिफॉर्म कोड ऑफ फार्मास्युटिकल मार्केटिंग प्रैक्टिसेज (UCPMP)को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे, लेकिन इसको लेकर कानूनी रूप से बाध्यता नहीं थी। लेकिन अब सरकार की ओर से UCPMP अपनाने के लिए लिखा गया है। केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के संयुक्त सचिव रविंद्र प्रताप सिंह ने देश के सभी फार्मास्युटिकल्स एसोसिएशन को लिखे पत्र में कहा है कि सभी एसोसिएशन को आचार समिति का गठन करना होगा और अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर यूसीपीएमपी पोर्टल का जिक्र भी करना होगा। साथ ही समान संहिता का पालन भी करना होगा।
इसके अलावा गाइडलाइंस में कहा गया है कि फार्मा कंपनियों/प्रतिनिधियों को हेल्थ प्रोफेशनल्स/परिवार के सदस्यों को रेल, हवाई, जहाज, क्रूज टिकट, सशुल्क छुट्टियां आदि सहित देश के अंदर या बाहर यात्रा सुविधाएं नहीं देनी चाहिए. किसी भी फार्मा कंपनी/एजेंट/वितरक/थोक विक्रेता/खुदरा विक्रेताओं द्वारा किसी भी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर/परिवार के सदस्य के व्यक्तिगत लाभ के लिए कोई उपहार नहीं दिया जाना चाहिए या प्रदान नहीं किया जाना चाहिए.
इसके अलावा दवाओं के फ्री सैंपल किसी ऐसे व्यक्ति को नहीं दिए जाएंगे, जो ऐसे प्रोडक्ट्स को लिखने के लिए योग्य नहीं है। वहीं फ्री सैंपल की तमाम जानकारी नोट करके रखनी होगी। मसलन, कितने सैंपल दिए गए, किस डॉक्टर को दिए गए, प्रोडक्ट का नाम क्या है, कुल कीमत क्या है आदि। इसके अलावा फ्री सैंपल की संख्या हर साल घरेलू बिक्री के 2% से कम होना चाहिए।