नई दिल्ली। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने सीएए को लेकर विपक्षी नेताओं द्वारा दिए जा रहे बयानों को पूरी तरह से झूठ बताते हुए कहा है कि सांप्रदायिक उन्माद फैलाने वाले दलों को इसके बारे में झूठ बोलना बंद कर देना चाहिए।
रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीएए को लेकर विचित्र बयान दिया है कि बाहर के लोग नौकरी ले लेंगे। उन्होंने कहा कि यह कौन सा तर्क है। बार-बार यह कहा जा रहा है कि इससे ना किसी की नौकरी ली जाएगी और ना ही किसी की नागरिकता ली जाएगी।
प्रसाद ने अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी और लेफ्ट पार्टियों सहित देश के अन्य विपक्षी दलों पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि रोहिंग्या का समर्थन करने वाले आस्था के नाम पर प्रताड़ित होकर भारत आने वाले लोगों को नागरिकता का संरक्षण देने वाले कानून का विरोध कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ये कानून उनके लिए है जो आस्था के नाम पर प्रताड़ित होकर पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से भारत आए हैं, जिन्हें हिन्दू, सिख ,ईसाई और पारसी होने के कारण प्रताड़ित होकर भारत आना पड़ा।
प्रसाद ने सवाल पूछा कि क्या आस्था के नाम पर प्रताड़ित होने वाले इन लोगों को कानूनी माध्यम से नागरिकता का सरंक्षण देना भारत का नैतिक, संवैधानिक और सांस्कृतिक अधिकार है या नहीं ?
उन्होंने आगे कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने बार-बार कहा है कि इससे किसी की नागरिकता नहीं छिनेगी। गृह विभाग ने भी कहा है कि सीएए देश के मुसलमानों के विरोध में कुछ नही कहता। लेकिन इसके बावजूद ये नेता सीएए पर झूठ का व्यापार कर रहे हैं और इसे सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर ये दल वोट बैंक के लिए कहां तक जाएंगे।