मुजफ्फरनगर। आधुनिक परिवेश के रहन-सहन के तरीके जोड़ पर अत्यधिक असर दिखाते है एवं बढ़ती हुई उम्र के साथ जोड़ो की परेशानी का कारण बनती है। आज के युग में जब देश की एवं समाज की औसत उम्र भी बढ़ रही है तो यह एक महामारी का रूप ले रही है। अंतः जोड़ प्रत्यारोपण की आवश्यकता आज पहले से अधिक महसूस की जा रही है।
इसको देखते हुए मुज़फ्फरनगर के वर्धमान हॉस्पिटल ने एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया है, जिसमें विशेष तौर पर घुटने के जोड़ों की समस्या, घुटनों का टेढ़ापन जैसी गंभीर समस्याओं के उपचार के बारे में चर्चा की गई, इसका उद्देश्य जोड़ों की आधुनिक उपचार पद्धिति को पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के नए ऑर्थोपैडिक डॉक्टरों तक पहुँचाना है, ताकि उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की जनता को सही व उत्तम इलाज मिल सके।
इस विशेष संगोष्ठी बेसिक आर्थ्रोप्लास्टी नी (घुटना) के नाम से आज वर्धमान हॉस्पिटल के ऑडिटोरियम में आयोजित की गयी। इस संगोष्ठी के चेयरमैन विश्वविख्यात हड्डी एवं जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ मुकेश जैन रहे, जिसमें मुख्य तौर पर देश के नामी हड्डी एवं जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ शिनुकुमार भास्करन, मनिपाल हॉस्पिटल (पुणे), जोकि ऍफ़ ऍफ़ डी ने (जिसमें रोगी के पैर पूरी तरह से सीधे नहीं हो पाते) की तकनीक पर व्याख्यान दिया।
नयी दिल्ली मैक्स हॉस्पिटल के जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ अखिलेश यादव ने पैरों का अंदर की तरफ हो जाने वाली समस्या के संधान पर बात की और कोकिलाबेन धीरूभाई अम्बानी अस्पताल के जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ संदीप वासनिक भी शामिल रहे जिन्होंने घुटना प्रत्यारोपण में सही तरीके से चीरा लगाने के बारे में अपने अनुभव साझा किये।
साथ ही मुज़फ्फरनगर के अनुभवी हड्डी व जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ, डॉ अनुभव जैन ने घुटनों की सर्जरी के दौरान होने वाली समस्याओ से आसानी से कैसे निपटे, इस पर अपना व्याख्यान दिया तथा नयी शल्य तकनीक, नए उपकरणों के प्रयोग और आधुनिक इम्प्लांट्स के सही एवं सुरक्षित प्रयोग के बारे में अपने अनुभव व्यक्त किए।
इस संगोष्ठी में अत्याधुनिक रोबोटिक तकनीक से घुटनों के ऑपरेशन करने की आधुनिक विधि को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हड्डी व जोड़ विशेषज्ञो को दिखाया गया। इन सबके पश्चात पश्चिमी उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से आये सभी चिकित्सकों को बोन मॉडल के द्वारा घुटना प्रत्यारोपण का प्रशिक्षण एवं अभ्यास कराया गया।
इस कार्यक्रम को वर्धमान हॉस्पिटल की विशेष ऑर्थोपेडिक टीम, कार्यक्रम के चेयरमैन डॉ मुकेश जैन व जोड़ प्रत्यारोपण विभाग के प्रमुख डॉ अनुभव जैन की देख रेख में किया गया। इस संगोष्ठी में 50-55 ऑर्थोपैडिक डॉक्टर सम्मिलित हुए।