मुजफ्फरनगर। गुरुवार को शाहपुर कन्या इंटर कॉलेज में मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन को लेकर एक संगोष्ठी का आयोजित किया गया। मानसिक रोग विभाग के चिकित्सकों ने बच्चों से इस संदर्भ में कई सवाल पूछे और इसके साथ ही बच्चों को मानसिक तनाव से दूर रहने की बारे में बताया। इस दौरान स्कूल के प्रधानाचार्य समेत समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार ने बताया कि स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों में सबसे अधिक दबाव होमवर्क पूरा करने को लेकर रहता है, जबकि युवाओं में लक्ष्य हासिल करने का दबाव रहता है, वहीं सेवानिवृत्त होने वाले खासतौर से अधिकारी वर्ग में अधिक परेशानी बढ़ रही है क्योंकि उनके पास कोई काम नहीं होता है, इसलिए वह मानसिक रूप से परेशान होने लगते हैं। अगर मानसिक रोगों से बचना है तो दबाव कम करने के लिए छात्रों एवं बुजुर्गों में तालमेल बिठाना जरूरी है।
मनोचिकित्सक डॉ. अर्पण जैन ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य की बीमारियों को साथ ही लोग इसको अलग बीमारी समझते हैं जबकि मानसिक बीमारी एक शारीरिक बीमारी होती है जैसे कई प्रकार की बीमारी का इलाज होता है वैसे ही मानसिक बीमारी के लिए भी एक्सपर्ट बैठे हैं इसकी जागरूकता के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। जिला अस्पताल में निशुल्क इस बीमारी का इलाज है। तनाव सुसाइड का विचार डिफ्रेशन एक रोग है तो इनका उपचार भी है।
साईकोथेरेपिस्ट मनोज कुमार ने बताया कि मानसिक बीमारियों से बचने के लिए लोगों को तनाव से मुक्त रहना चाहिए। मौजूदा वक्त में इंसान ज्यादा तनाव की स्थिति में रहता है जो उसके स्वास्थ्य लिए घातक है। मानसिक रोगियों को दवाओं के अलावा काउंसलिंग की भी जरूरत होती है। उन्होंने बताया कि यह सुविधा अब जिला अस्पताल में भी मनोरोगियों को मिल रही है।