Sunday, February 23, 2025

मुजफ्फरनगर के लद्दावाला शिव मंदिर में पूजा, मुस्लिम समाज ने पुष्प वर्षा कर किया स्वागत

मुजफ्फरनगर। प्रदेश में संभल और वाराणसी के बाद मुजफ्फरनगर की नगर कोतवाली क्षेत्र में स्थित लद्दावाला मौहल्ले में भी कुछ दिन पूर्व मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में एक 54 वर्ष पुराना खंडहर मंदिर मिला था, जिसके चलते सोमवार को यशवीर आश्रम बघरा के महंत स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में लद्दावाला के मंदिर का हवन पूजन के साथ शुद्धिकरण किया गया। इसके पश्चात प्रसाद वितरित हुआ।

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लद्दावाला में पहुंचने पर मुस्लिम समाज के साथ ही खटीक समाज के लोगों ने भी स्वामी यशवीर महाराज का भव्य स्वागत किया। भगवान शिव शंकर के जयघोष के साथ स्वामी यशवीर महाराज ने मंदिर का शुद्धिकरण करते हुए यहां पर हवन पूजन किया। इस दौरान इस मोहल्ले के मुस्लिम समाज के लोगों ने भी स्वामी के ऊपर पुष्पों की वर्षा का उनका जोरदार स्वागत किया। स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन के द्वारा यहां पर भारी पुलिस फोर्स को भी तैनात किया गया। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस अपनी पैनी नजर बनाए हुए थी।

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दरअसल अयोध्या मंदिर प्रकरण के बाद जो दंगे भड़के थे, उस दौरान यहां के रहने वाले हिंदू समाज के लोग यहां से पलायन कर गए थे। इस दौरान वह मंदिर में स्थित शिवलिंग और अन्य मूर्तियां भी अपने साथ ले गए थे। बताया जाता है कि तभी से यह शिव मंदिर खंडहर हालत में यहां पर स्थित है।

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मंदिर के आसपास स्थानीय लोगों द्वारा अपने मकान के छज्जे निकालकर कुछ अतिक्रमण भी किया गया है, जिसको लेकर स्वामी यशवीर महाराज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि दो-चार दिन में पुलिस प्रशासन यहां से ये अतिक्रमण हटवा दे, वरना सनातनी धर्म के लोग यहां पर हमारे नेतृत्व में आएंगे और अतिक्रमण तो फिर अपने आप ही हट जाएगा।

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इस दौरान, मुस्लिम समुदाय ने भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए स्वामी यशवीर महाराज और उनकी टीम का फूलों की वर्षा कर स्वागत किया। इस कार्यक्रम ने क्षेत्र में सांप्रदायिक सौहार्द का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया गया।

पूजा और हवन के आयोजन को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए। मौके पर एएसपी व्योम बिंदल, नगर मजिस्ट्रेट विकास कश्यप, तहसीलदार राधेश्याम गौड़, और अन्य अधिकारियों के साथ भारी पुलिस बल तैनात रहा। भी स्थिति पर नजर बनाए हुए थे।

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इस अवसर पर हिंदूवादी नेता नरेंद्र पंवार साधू, बिट्टू सिखेड़ा, सुधीर खटीक, सुरेंद्र मित्तल, मृगेंद्र ब्रह्मचारी, अरुण प्रताप सिंह, देशराज चौहान आदि मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि शहर के लद्दावाला में साल 1970 में बनाए गए मंदिर में फिलहाल कोई मूर्ति भी नहीं है।  साल 1992 से पहले हिंदू समुदाय के कईं परिवार मंदिर के आसपास रहते थे। अयोध्या मंदिर विवाद के दौरान यह परिवार पलायन कर गए। गली में रहने वाले पाल समाज के परिवार मकान बेचकर यहां से कहीं अन्य जाकर रहने लगे थे। उनका गली में शिव मंदिर है। जाते समय वह लोग भगवान की मूर्ति भी ले गए थे। मंदिर वाली गली में मुस्लिम समुदाय के 16 परिवार रहते हैं

 

 

 

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