मेरठ। अगर विधायक रफीक अंसारी द्वारा विधानसभा चुनाव में दिए गए शपथ पत्र में आपराधिक मुकदमों की जानकारी गलत दिए जाने की बात साबित होती है तो विधायक रफीक अंसारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल बख्शी का कहना है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अंतर्गत यह अपराध की श्रेणी में आता है। इसमें अंतर्गत दो साल की सजा का प्रावधान है।
इसके आधार पर हाईकोर्ट में चुनावी याचिका दायर करके चुनाव को रद कराया जा सकता है। झूठा शपथ पत्र दिए जाने की बात स्पष्ट होने पर चुनाव अधिकारी-डीएम 195 सीआरपीसी के तहत मुकदमा दर्ज करा सकते हैं।
शपथ पत्र झूठा पाए जाने पर कई जन प्रतिनिधियों के पद जा चुके हैं। सुप्रीमकोर्ट इस मामले में साफ आदेश दे चुकी है कि हर उम्मीदवार को 24 घंटे के भीतर आपराधिक इतिहास सोशल मीडिया पर डालना पड़ेगा।