नई दिल्ली। केंद्र में नई सरकार के गठन से पहले संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही एनडीए के सभी दलों के नेता पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में पहुंचे तो यहां का नजारा ही अलग था। नरेंद्र मोदी की लगातार तीसरी जीत पक्की हुई है और एनडीए ने लगातार तीसरी बार इतनी बड़ी बहुमत प्राप्त की है। इस बार भी जब पीएम मोदी इस जीत के बाद पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में बैठक के लिए पहुंचे तो उन्होंने भारत के संविधान को अपने माथे से लगा लिया। उन्होंने झुककर और सम्मान पूर्वक संविधान को अपने माथे से लगाया। ऐसा नहीं है कि पीएम मोदी ने ऐसा पहली बार किया है।
2014 में, संसद भवन के मुख्य द्वार पर भाजपा संसदीय दल की बैठक के लिए पहुंचने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के प्रवेश द्वार पर हाथ जोड़कर भूमि को स्पर्श किया था। 2014 में भाजपा नीत एनडीए को जीत दिलाने के बाद पहली बार संसद में प्रवेश करते समय उन्होंने ‘लोकतंत्र के मंदिर’ के प्रति अपना गहरा सम्मान दिखाने के लिए घुटने वहां की सीढ़ियों पर टेक दिए थे, हाथ जोड़े थे और सीढ़ियों पर अपना माथा लगाकर उसे प्रणाम किया था। तब, बीजेपी ने अपने दम पर 282 सीटें जीतीं और एनडीए के साथ मिलकर 336 सीटें हासिल की थी।
इसके बाद 2019 में आम चुनावों में बीजेपी को दूसरी बार जनादेश हासिल हुआ। इसके साथ ही एनडीए और बीजेपी संसदीय दल के नेता के रूप में चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झुके और सम्मानपूर्वक भारत के संविधान को अपने माथे से लगा लिया था। भाजपा ने 2019 में अकेले 303 सीटें जीतीं थी और एनडीए के साथ मिलकर 353 सीटें हासिल की थी। नरेंद्र मोदी की लगातार तीसरी जीत पक्की हो गई, एनडीए को लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत मिल गया। लेकिन, संविधान और देश की संसद के प्रति उनका सम्मान कम कतई नहीं हुआ है। बल्कि देश के संविधान के प्रति उनके मन में आदर के भाव जैसे 2014 में प्रबल थे, आज वह भाव उससे भी ज्यादा गहरे हैं।