मेरठ। गर्मी ने जीना मुहाल कर दिया है। मौसम विज्ञानी बता रहे हैं कि जून की गर्मी ने पिछले छह दशक का रिकार्ड तोड़ दिया है। तापमान 44.2 डिग्री पहुंच गया है। हाल फिलहाल राहत के आसार नहीं हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि समय रहते पेड़ों का कटान और ग्लोबल वार्मिंग कम नहीं हुआ तो भविष्य में हालात और भयावह होंगे। मौसम कार्यालय पर दिन का अधिकतम तापमान 44.2 डिग्री व रात का न्यूनतम तापमान 30.2 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया। जून के महीने में अधिकतम तापमान सामान्य 38 डिग्री होना चाहिए, लेकिन सामान्य से 6 डिग्री तापमान ऊपर चल रहा है।
1959 38.4
1965 39.1
1970 40.1
1975 39.1
1980 40.9
1985 34.5
1990 36.8
1995 38.6
2000 37.7
2005 32.8
2010 41.5
2011 39.2
2012 39.7
2013 41.1
2014 38.1
2015 37.0
2016 39.4
2017 41.0
2018 40.8
2019 43.0
2020 42.0
2021 41.8
2022 41.1
2022 42.8
2023 43.8
2024 44.2
मार्च से जुलाई तक भीषण गर्मी के बीच बारिश की जरूरत ज्यादा होती है।
-बारिश न होने से किसानों को हरा, धान, ईंख की फसल को अधिक पानी देना पड़ता है। बारिश का पानी है सबसे अच्छा है, ट्यूबवेल से होने वाली सिंचाई से ज्यादा बारिश का पानी अच्छा माना गया है।
मौसम वैज्ञानिक यूपी शाही का कहना है कि पिछले पांच छह दशक में ऐसी गर्मी जून में नहीं देखी गई है। इस बार मानसून अच्छा है तो मानसून के आने से ही राहत मिलने के आसार है। कृषि वैज्ञानिक आरएस सेंगर ने कहा कि अब साल दर साल मौसम का पैटर्न बदलने से ये हालात हो रहे हैं। तापमान 45 तक पहुंच रहा है। आने वाले समय के लिए भी अच्छा संकेत नहीं हैं। गर्मी इस बार सारे रिकार्ड तोड़ रही है।