नोएडा। नोएडा में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के जनपद भिंड में मिली जिस लाश को ज्योति शर्मा समझकर परिजनों ने अंतिम संस्कार किया था वह नोएडा में फुटपाथ पर मोची से चप्पल ठीक कराते हुए मिल गई। मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना के तहत मिलने वाली राशि को जब महिला ने नोएडा में निकाला तब उसके पति को उसके जिंदा होने की जानकारी मिली।
जानकारी के मुताबिक भिंड जनपद के मेहगांव में रहने वाले सुनील शर्मा की पत्नी ज्योति शर्मा बीती 2 मई को अचानक घर से लापता हो गई थी। सुनील ने इसकी गुमशुदगी मेहगांव थाने में दर्ज कराई थी। गुमशुदगी दर्ज हुए दो दिन बीते थे उसी दौरान 4 मई को एक महिला की जली हुई लाश मेहगांव थाने के कतरौल गांव के पास खेत में पड़ी मिली। जली हुई लाश की शिनाख्त करने के लिए ज्योति के मायके और ससुराल पक्ष के लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। यहां ज्योति का पति सुनील शर्मा लाश को किसी और महिला की बताता रहा, जबकि मायके पक्ष के लोगों ने लाश की शिनाख्त ज्योति के रूप में की। मायके पक्ष और पुलिस के दबाव के चलते पति सुनील शर्मा ने महिला की लाश को अपनी सुपुर्दगी में ले लिया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
इस घटना के बाद पुलिस से बचते हुए सुनील अपने दिन काट रहा था, तभी अचानक एक दिन सुनील बैंक में पैसे निकालने के लिए पहुंचा, तब उसे इस बात की जानकारी लगी कि ज्योति के बैंक खाते से 2700 रूपए का ट्रांजैक्शन हुआ है। मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना के तहत मिलने वाली राशि को कियोस्क सेंटर पर अंगूठा लगाकर निकाला गया था। जानकारी लेने पर पता लगा कि नोएडा के एक कियोस्क सेंटर से पैसों की निकासी की गई है। फिर सुनील पुलिस के साथ नोएडा पहुंचा। यहां अचानक फुटपाथ पर टूटी चप्पल जुड़वाते हुए उसकी पत्नी ज्योति भी मिल गई। अब एमपी पुलिस के सामने यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि जिस शव का ज्योति की लाश समझकर पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार करवा दिया गया था, वह शव आखिर किस महिला का था।