मुजफ्फरनगर। राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में भारतीय किसान यूनियन द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया गया है। देर शाम अधिकारियों से वार्ता विफल होने के बाद भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने घोषणा कर दी कि अब सभी समस्याओं का समाधान होने पर ही यहां से उठेंगे।
भाकियू ने जीआईसी मैदान में ठहरने के लिए तंबू व झोंपडी बनाकर खाने की भट्टियां भी चला दी हैं। हजारों की संख्या में भाकियू कार्यकर्ता जीआईसी मैदान में डटे हैं।राकेश टिकैत ने भी शनिवार की रात राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में बनी झोपडी में ही गुजारी।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने किसानों की भारी भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश एवं केंद्र में काबिज भाजपा सरकार द्वारा किसानों का शोषण किया जा रहा है। भाजपा द्वारा केवल अपने बारे में सोचा जा रहा है न कि देश की जनता के बारे में। उन्होंने किसानों के गन्ना भुगतान एवं मूल्य तय न होने को लेकर कहा कि आधा सीजन बीत गया है, बावजूद इसके अभी तक किसानों के गन्ने का कोई भी मूल्य सरकार द्वारा तय नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किसानों, मजदूरों एवं असहाय लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। राकेश टिकैत ने मीडिया से वार्ता करते हुए बताया कि प्रदेश में किसानों के बलबूते पर भाजपा द्वारा अपनी सरकार एवं वर्चस्व कायम रखने में सफलता हासिल की गई है, मगर आज उसी किसान को दरकिनार करते हुए केवल अपने विकास के बारे में सोचा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान द्वारा आवारा पशुओं का ठिकाना बनाने के लिए काऊ सेंचुरी योजना को लाया गया है, जिसको पुरकाजी के खादर क्षेत्र में बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि किसानों द्वारा खादर क्षेत्र में पट्टे पर ली गई जमीन पर केंद्रीय मंत्री द्वारा काऊ सेंचुरी को बनवाने की प्रक्रिया की जा रही है, जो बहुत ही गलत है। उन्होंने कहा कि पट्टे की जमीन लेकर अपने घर परिवार का लालन पालन करने वाले किसानों के पेट पर लात मारने का कार्य केंद्रीय मंत्री द्वारा किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यदि सरकार कुछ करना चाहती है या केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान किसानों को आवारा पशुओं से राहत दिलाना चाहते हैं तो अपने गांव कुटबी या उसके आसपास के गांव में काऊ सेंचुरी को बनवाया जाए। उन्होंने कहा कि कुटबी में भी पट्टे की जमीन काफी पड़ी हुई है और वहां पर बंजर जमीन भी है, जिसमें काऊ सेंचुरी के तहत आवारा पशुओं के रहने का ठिकाना आराम से बन सकता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री केवल किसानों का शोषण करने पर तुले हुए हैं, जिस कारण पुरकाजी क्षेत्र के खादर में काऊ सेंचुरी योजना के तहत आवारा पशुओं के लिए रहने एवं खाने का ठिकाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कुटबी एवं उसके आसपास के क्षेत्र में भी हजारों बीघा जमीन पट्टे एवं बंजर की पड़ी हुई है, जिसमें आवारा पशुओं के रहने का ठिकाना आराम से बन सकता है। चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि प्रदेश में योगी सरकार की सख्ती के बावजूद भी आए दिन क्राइम का ग्राफ बढ़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश को अपराध मुक्त प्रदेश बनाने का दावा करने वाली भाजपा की योगी सरकार भी फेल होती दिखाई दे रही है। सरकार द्वारा किसानों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। किसानों के गन्ने का भुगतान अभी तक तय नहीं किया गया है। बकाया गन्ना भुगतान भी अभी तक सरकार द्वारा नहीं चुकाया गया है। किसानों की गन्ने की फसल एक ऐसी फसल है, जिसका वेस्ट मटेरियल भी ऊंचे दामों में बिकता है, बावजूद इसके गन्ने का रेट घोषित नहीं किया गया है। किसान दिन-रात एक करके मेहनत करता है तब जाकर गन्ने की फसल तैयार होती है। किसानों को अपनी मेहनत का रुपया खुद तय करने का भी हक नहीं है।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि अभी किसान इतना कमजोर नहीं हुआ है, कि अपने हक की भी लड़ाई को भी न लड़ सके, अगर भाजपा सरकार के दिमाग में यह गलतफहमी पैदा हो रही है कि किसान मजबूर और कमजोर है, तो ऐसा कुछ नहीं है। किसानों को फ्री बिजली, गन्ना के भाव बढ़ाने एवं रुके हुए बिजली बिल आधे माफ करने का लॉलीपॉप देकर सत्ता तो हासिल कर ली गई, मगर चुनाव हर पांच साल बाद होते हैं। किसान अगर सरकार बनाना जानते हैं, तो उसे उखाडऩा भी जानते हैं।
उन्होंने कहा कि किसानों को अपने हक के लिए जो भी कदम उठाना पड़ेगा, उसको उठाएगा और अपना हक लेकर रहेगा। अब सरकार किसानों का हक राजी-खुशी में दे या फिर आंदोलन के बाद, मगर लेकर रहेंगे अपना हक। हमारा देश कृषि प्रधान देश है, मगर किसानों का शोषण सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार से किया जा रहा है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।