लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी समेत तमाम विपक्षी दल महाकुंभ पर सवाल उठा रहे हैं। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक विवादित बयान देकर राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है।
मुज़फ्फरनगर के मीरापुर में 600 साल पुराने मंदिर की देखरेख के लिए समिति गठित, मूलचंद शर्मा अध्यक्ष बने
ममता बनर्जी ने महाकुंभ को “मृत्यु कुंभ” करार देते हुए कहा कि अब यह आयोजन श्रद्धा का नहीं, बल्कि त्रासदी का प्रतीक बन चुका है। उनके इस बयान के बाद भाजपा ने तीखा विरोध जताया और इसे हिंदू आस्था का अपमान करार दिया।
ममता बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि महाकुंभ को ‘मृत्यु कुंभ’ कहना टीएमसी के अंत का संकेत है। यह करोड़ों हिंदुओं की आस्था का अपमान है और भारतीय संस्कृति का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। ममता बनर्जी को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन है, जहां करोड़ों श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगाते हैं। 18 फरवरी तक 55.56 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं और आज सुबह 8 बजे तक 30.94 लाख लोगों ने पवित्र स्नान किया।
केशव मौर्य ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा अखिलेश यादव और ममता बनर्जी को सिर्फ माफिया, मोहर्रम, मौलाना और मुस्लिम तुष्टीकरण पसंद है। इसलिए उन्हें भारतीय संस्कृति के विराट स्वरूप महाकुंभ से चिढ़ हो रही है।”
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने भी ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि“ममता बनर्जी का बयान निंदनीय है। विपक्षी दल केवल तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं। लेकिन जनता इस बार उन्हें करारा जवाब देगी।”
महाकुंभ 2025 से पहले ही राजनीतिक दलों के बीच इसे लेकर वार-पलटवार जारी है। इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी महाकुंभ पर सवाल खड़े किए थे।
भाजपा के अनुसार, यह चुनावी रणनीति के तहत तुष्टीकरण की राजनीति का हिस्सा है, जबकि विपक्ष इसे सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने का जरिया बता रहा है।