सहारनपुर। ग्राम्य विकास आयुक्त ने एडीओ पंचायत प्रमोद कुमार को निलंबित कर दिया है। इन पर विकास कार्यों की धनराशि गबन करने का आरोप है। मंडलायुक्त हृषिकेश भास्कर यशोद ने समिति बनाकर जांच कराई थी, जिसमें यह दोषी पाए गए थे। एडीओ पंचायत पर निलंबन की कार्रवाई से विभाग में खलबली मची है। दरअसल, मामला 2021 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का है। ग्राम पंचायतों में प्रधानों का कार्यकाल खत्म होने के बाद तीन माह के लिए प्रशासक के तौर पर एडीओ, ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारियों को प्रशासक नियुक्त किया था।
गंगोह निवासी एक व्यक्ति ने मंडलायुक्त को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था कि 98 ग्राम पंचायतों में प्रशासकों ने विकास कार्य के नाम पर आठ करोड़ रुपये का गबन किया है। इस पर मंडलायुक्त ने संयुक्त विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति बनाई और जांच के आदेश दिए। समिति ने विकास कार्यों से संबंधित अभिलेख मंगवाए गए, लेकिन अधिकारियों ने कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए। जांच अधिकारी ने रिपोर्ट मंडलायुक्त को सौंपी, जिसमें सभी आरोपी दोषी पाए गए। इसकी सूचना प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास व आयुक्त ग्राम्य विकास को भेजी गई। अब इस मामले में ग्राम विकास आयुक्त ने एडीओ पंचायत प्रमोद को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है।
वहीं सात आरोपी ग्राम सचिवों की वेतन वृद्धि भी रोकी गई है। इनसे भी रिकवरी होनी है। उधर, जिला विकास अधिकारी सतेंद्र कुमार का कहना है कि शासन की ओर से कराई गई जांच के बाद एडीओ पंचायत पर लगे आरोप सही पाए गए। इसी आधार पर उन्हें निलंबित किया गया है।