प्रयागराज-केंद्र सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के नौ अपर न्यायाधीशों को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की पुष्टि कर दी है। केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय ने संविधान के अनुच्छेद 217(1) के अधिकार के तहत इस आशय की अधिसूचना जारी की है।
केंद्रीय विधि मंत्रालय के संयुक्त सचिव जगन्नाथ श्रीनिवासन की ओर से जारी अधिसूचना में राष्ट्रपति ने जिन अपर न्यायाधीशों को स्थायी जज बनाने की मंजूरी दी है, उनमें न्यायमूर्ति सैयद कमर हसन रिजवी, न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम, न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति नंदप्रभा शुक्ला, न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र, न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार, न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ल एवं न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल शामिल हैं।
गौरतलब है कि 160 न्यायाधीशों वाले एशिया के सबसे बड़े हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के अलावा 83 न्यायाधीश कार्यरत हैं और खास बात यह कि पहली बार ऐसा होगा कि यहां सभी न्यायाधीश स्थायी हैं। इसका एक बड़ा कारण फरवरी 2023 के बाद एक भी अपर न्यायाधीश की नियुक्ति न होना है।