Saturday, November 23, 2024

पूर्व IAS मोहिंदर सिंह की मुसीबतें और बढ़ी, 42 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति मिली, स्मारक घोटाले में भी होगी पूछताछ

नोएडा / मेरठ- बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार के सबसे ताकतवर और नोएडा विकास प्राधिकरण के सीईओ रहे रिटायर्ड आईएएस मोहिंदर सिंह और उनकी कंपनी हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (HPPL) के निदेशकों के ठिकानों पर की गई दो दिन की छापेमारी के बाद ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है।

 

ईडी ने अपनी इस कार्रवाई में 42 करोड़ से अधिक के हीरे-जेवरात, 85 लाख नकद और तमाम बेनामी सम्पत्ति के कागजात बरामद किए हैं। इन छापों के बाद पूर्व आईएएस की मुसीबत और बढ़ती जा रही है। बसपा शासनकाल में हुए स्मारक घोटाले की भी जांच में मोहिंदर सिंह से पूछताछ की तैयारी होने जा रही है।

नोएडा में लोटस-300 प्रोजेक्ट का निर्माण करने वाली हैसिंडा प्रापर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के संचालकों ने निवेशकों के साथ नोएडा अथॉरिटी को भी ठगा था। मामले में ईडी की जांच में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। जांच में सामने आया है कि कंपनी को नोएडा अथॉरिटी ने प्रोजेक्ट के लिए जो भूमि लीज पर आवंटित की थी, उसका करीब 40 फीसद हिस्सा उसने दूसरी कंपनी को बेच दिया था। इसे बेचने से मिले 236 करोड़ रुपये की कंपनी के संचालकों और नोएडा अथॉरिटी के अफसरों के बीच बंदरबांट के अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सुराग तलाश रहा है।

कहा जा रहा है कि इस प्रकरण में नोएडा अथॉरिटी में तैनात रहे कई अफसरों की भूमिका संदिग्ध होने पर उनके खिलाफ जांच की जा रही है। खासकर वर्ष 2010 से 2016 तक तैनात रहे अधिकारी ईडी के रडार पर हैं।

बता दें कि नोएडा अथॉरिटी ने 31 मार्च, 2010 को हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर 107 में 67,241 वर्ग मीटर भूमि देने का अनुबंध किया था। इसे हैसिंडा प्रोजेक्ट के नेतृत्व वाली छह कंपनियों के कंसोर्टियम ने खरीदा था। लीज डीड होने के दौरान निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह सूरी और विदुर भारद्वाज कंपनी के निदेशक एवं प्रोमोटर थे। कंपनी ने आगामी 10 वर्षों में नोएडा अथॉरिटी को लीज डीड की रकम का भुगतान किश्तों में किया। कंपनी द्वारा 25 मार्च 2020 को 27.69 करोड़ रुपये का अंतिम भुगतान किया गया था।

इसी बीच ईडी को अपने छापा मार कार्यवाही के दौरान एचपीपीएल कंपनी के निदेशको और पूर्व आईएएस मोहिंदर सिंह के दिल्ली, नोएडा और चंडीगढ़ में स्थित फार्म हाउस, शॉपिंग कंपलेक्स फ्लैट के बारे में भी जानकारी व दस्तावेज मिले हैं। ईडी को अब तक 85 लाख रुपये नकद, 42 करोड़ 56 लाख के कुल जेवरात, जिसमें 29.35 करोड़ के सोने व हीरे की जेवरात, 5 करोड़ 26 लाख का एक हीरा, 7 करोड़ 1 लाख के हीरे के जेवरात और करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं।  इतना ही नहीं घोटाले से जुड़े निदेशकों के छह बैंक लॉकर भी ईडी ने जब्त किए हैं, जिनको जल्द खुलवाकर जांच की जाएगी।

ईडी के सूत्रों के मुताबिक मोहिंदर सिंह के आवास से एक हीरे समेत 35 हीरों के सर्टिफिकेट भी मिले हैं। सूत्रों ने बताया  पूर्व आईएएस ने पूछताछ में बताया कि बेशकीमती हीरे दिल्ली के एक बड़े ज्वेलर्स से खरीदे  गए थे। पीसी ज्वेलर्स के संचालकों से उनकी 30 वर्ष से मित्रता है। नकदी ज्यादा होने से उन्होंने हीरे में निवेश किया था। ईडी को अधिकारियों को शक है कि कुछ दिन पहले मोहिंदर सिंह की पत्नी इन हीरों को साथ लेकर अमेरिका शिफ्ट हो गई हैं।

नोएडा के इस जमीन घोटाले में ईडी की इस छापेमारी के बाद अब बसपा शासनकाल में हुए स्मारक घोटाले की भी जांच में मोहिंदर सिंह से पूछताछ की तैयारी होने जा रही है।  मोहिंदर सिंह स्मारक घोटाले के दौरान आवास विकास के मुखिया थे।   स्मारक घोटाले की जांच कर रही उत्तर प्रदेश पुलिस की विजिलेंस ने लगभग 2 साल पहले मोहिंदर सिंह को नोटिस देकर बयान दर्ज करने के लिए तलब किया था, लेकिन उस समय मोहिंदर सिंह ऑस्ट्रेलिया में होने की बात कह कर विजिलेंस के सामने पेश नहीं हुए थे।  अब एक बार फिर विजिलेंस मोहिंदर सिंह को नोटिस देकर पूछताछ करने की तैयारी में जुट गई है।  जल्द चंडीगढ़ स्थित मोहिंदर सिंह के आवास पर विजिलेंस का नोटिस भेजा जाएगा।

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