आज यह सिद्ध हो चुका है कि मानव जाति के स्वास्थ्य के दो सबसे बड़े शत्रु हैं उच्च रक्तचाप और मधुमेह। यह भी सिद्ध हो चुका है कि इन रोगों का हमारी जीवनशैली से गहरा संबंध है। रक्तचाप आपको भीतर से खोखला न कर पाये और आपके स्वास्थ्य की आधारशिला मजबूत बनी रहे, इस हेतु निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:-
उच्च रक्तचाप में नमक का सेवन अधिक न करें। अधिक नमक रक्तचाप को बढ़ाता है। कोशिश करें दिनभर में 6 ग्राम से अधिक नमक का सेवन न करें।
खाने में पापड़ व अचार खाने की मेज पर न रखें। अनजाने में इनके सेवन से शरीर में नमक की मात्रा बढ़ जाती है।
भोजन से पहले सलाद खाते समय सलाद पर नमक का छिड़काव न करें।
यदि आप धूम्रपान के आदी हैं तो तम्बाकू और धूम्रपान का सेवन धीरे-धीरे कम करके बंद कर दें।
शराब सीमित मात्रा में ही पियें, क्योंकि शराब रक्तचाप को बढ़ावा देती है। शराब के साथ लिए गए स्नैक्स भी सेहत पर कुप्रभाव डालते हैं।
सुबह शाम तेज सैर करें। कम से कम 30 से 45 मिनट तक की सैर उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने में सहायक होती है।
यदि आपके काम करने के घंटे लम्बे हैं तो बीच-बीच में स्वयं को 15 मिनट का आराम अवश्य दें। इस प्रकार का आराम आपके स्वास्थ्य सुधार के लिए आवश्यक है।
वसा की मात्रा अधिक न लें। अपने भोजन में मक्खन, घी व पनीर का सेवन कम से कम कर दें। ध्यान रखें रिफाइन्ड ऑयल भी दिन भर 20 ग्राम से अधिक आपके हिस्से में न आए।
तनावों को एकदम त्यागना तो कठिन होता है। धीरे-धीरे उन्हें अपनी दिनचर्या में कम करते जायें।
तांबे के लोटे में रात भर रखा जल सुबह सेवन करने से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक सिद्ध होता है।
उच्च रक्तचाप होने पर नियमित रूप से डॉक्टर द्वारा इसको नपवाते रहें और डॉक्टरी सलाह से यदि दवाई आवश्यक हो तो उसका नियमित सेवन अवश्य करें।
वजन को नियंत्रण में रखें। अधिक वजन रक्तचाप बढ़ाता है।
रक्तचाप सामान्य रखने के लिए उचित व्यायाम करें। व्यायाम करने से पूर्व डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
क्रोध को नियंत्रण में रखने से भी उच्च रक्तचाप को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
छोटे-छोटे कामों में स्वयं को व्यस्त रखें। भारी तनाव भरे काम न करें। आवश्यकता से अधिक स्वयं को न थकाएं। थकान महसूस होते ही कुछ आराम करें।
– सुनीता गाबा