Monday, October 7, 2024

उत्तरकाशी के नेलांग गांव में पहले बार बजी मोबाइल की घंटी

उत्तरकाशी। 1962 के भारत- चीन युद्ध के दौरान खाली कराया गया सीमा से सटे नेलांग गांव में रविवार को पहली बार मोबाइल फोन की घंटी बजी है। रविवार से बीएसएन का टॉवर यहां काम करने लगा है। इसके चलते नेलांग गांव में पहले बार मोबाइल की घंटी बजी है।

गौरतलब है कि सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण उत्तरकाशी की सीमा सेसटे नेलांग गांव, जादूंग सहित अन्य चौकियां हैं,जहां आईटीबीपी के जवान देश की सीमा की रक्षा के लिए तैनात रहते हैं। अब बीएसएनएल के सुविधा होने से सेना भी हाईटेक होगी।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

वर्ष 1962 से वीरान पड़े चीन सीमा पर स्थित उत्‍तरकाशी जनपद के नेलांग और जादूंग गांव को बसाने की कवायद शुरू हुई है। सरकार ने वाईब्रेंट विलेज के तहत इन गांवों में होमस्टे योजना के तहत पर्यटकों काे आकर्षित किया जा रहा हैं।

इससे पहले तक गांव में कोई सुविधा नहीं थी। यहां सेना के जवान सेटेलाइट फोन के जरिये ही स्वजन से संपर्क करते थे, जिसकी काल दर काफी महंगी पड़ती थी। यह फिलहाल शुरुआतभार है। जल्द ही चीन सीमा पर जादूंग, नीला पानी, सोनम, पीडीए, नागा त्रिपानी में भी 6 टावर और लगाए जाने हैं। नेलांग में बीते दो अक्टूबर से बीएसएनएल के टावर ने काम करना शुरू कर दिया है। इसके लिए आईटीबीपी के हिमवीर और सेना के जवानों ने बीएसएनएल का आभार जताया है।

उत्तरकाशी जिले में चीन सीमा पर स्थित नेलांग और जादूंग गांव को वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान खाली करा दिया गया था। अब फिर से इन गांवों में यहां के मूल निवासियों के बसाने के कवायद चल रही है। जादूंग में छह होम स्टे बनाने का काम चल रहा है। साथ ही इन गांवों में पर्यटन गतिविधि भी शुरू करने की तैयारी है।

चीन सीमा पर नेलांग व जादूंग सहित नौ स्थानों पर आइटीबीपी और सेना की चौकियां हैं, जहां वर्षभर आईटीबीपी और सेना के जवान तैनात रहते हैं। शीतकाल के दौरान भारी बर्फबारी के कारण इन चौकियां का जिला मुख्यालय से संपर्क भी कट जाता है। अभी तक इस क्षेत्र में संचार का माध्यम केवल सेटेलाइट फोन है, जिस पर काल दर महंगी होने के साथ इसका उपयोग सेना और आईटीबीपी के कार्यालय से ही संभव हो पाता है।

बीएसएनएल टिहरी के सहायक महाप्रबंधक अनीत कुमार ने बताया कि जादूंग में मोबाइल टावर लगाने की कवायद चल रही है। बीएसएनएल ने इसके लिए स्थान भी चिह्नित कर दिया है। अन्य चौकियों के क्षेत्र में भी टावर के लिए स्थान का चयन किया जा रहा है।

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,445FollowersFollow
115,034SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय