नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना अपनी 92वीं वर्षगांठ मनाने के लिए जोरदार तैयारियां कर रही है। रविवार को फाइनल रिहर्सल के तौर पर दुनिया के सबसे लंबे समुद्र तटों में से एक चेन्नई के मरीना बीच पर शानदार एयर शो हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में दर्शक शामिल हुए। इस बार वार्षिक परेड पर 08 अक्टूबर को दर्शकों की संख्या 15 लाख से अधिक पहुंचाकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स बनाने की भी तैयारी है।
वायु सेना ने इस वर्ष की थीम ‘सशक्त, सक्षम, आत्मनिर्भर’ रखी है, जो फाइनल रिहर्सल के दौरान भारतीय वायु सेना की शक्ति और कौशल के प्रदर्शन में स्पष्ट रूप से परिलक्षित हुई। बेजोड़ उड़ान कौशल का प्रदर्शन करते हुए भारतीय वायु सेना के एविएटर्स ने चेन्नई के नीले आसमान को शानदार हवाई युद्धाभ्यास से और गहरा नीला कर दिया। एयर शो ने भारतीय वायु सेना की अदम्य ताकत और भावना को प्रदर्शित किया, जो इसके आदर्श वाक्य ‘गौरव के साथ आकाश को छुओ’ से मेल खाता है।
इस कार्यक्रम में भारतीय वायु सेना के आधुनिक और दुर्जेय बल बनने की दिशा में परिवर्तनकारी यात्रा पर प्रकाश डाला गया। इसमें अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों से लेकर परिवहन विमानों और हेलीकॉप्टरों तक कई तरह के विमान शामिल थे। मुख्य आकर्षणों में स्वदेशी परियोजनाओं का फ्लाईपास्ट शामिल था। वायु सेना ने तेजस, एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर प्रचंड और हिंदुस्तान टर्बो ट्रेनर-40 के जरिए आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने की झलक दिखाई। दर्शक लड़ाकू विमान सुखोई-30 के निम्न-स्तरीय एरोबेटिक्स से अचंभित थे, जो पायलटों के उच्चतम स्तर की व्यावसायिकता का उदाहरण था।
ग्रैंड फिनाले में सूर्य किरण और सारंग एरोबैटिक टीमों ने अद्भुत प्रदर्शन किया, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। यह एयर शो न केवल हवाई कौशल का प्रदर्शन था, बल्कि भारत की क्षमता, सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का भी एक शक्तिशाली अनुस्मारक था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन थे। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, रक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी तथा राज्य और केंद्र सरकार के गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित रहे।