बुढ़ाना। मुजफ्फरनगर के बुढाना कोतवाली क्षेत्र में शनिवार रात को एक विवादित पोस्ट के कारण उत्पन्न हुए हंगामे ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान सोमवार को आरोपी अखिल त्यागी के घर पहुंचे। बालियान ने अखिल त्यागी के परिजनों और स्थानीय लोगों से बातचीत की और प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर जाम, हंगामा, और पथराव करने वाले लोगों की जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई, तो वह थाने में धरना देंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता के घर पर पथराव किया गया है और अब एक्शन पर रिएक्शन होगा। संजीव बालियान ने बुढाना कोतवाली क्षेत्र में हुए हंगामे को साजिश करार देते हुए कहा है कि 10000 लोगों की भीड़ बिना किसी पूर्व योजना के इकट्ठी नहीं हो सकती।
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री का कहना है कि इस भीड़ ने कस्बे को बंधक बना लिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे एक साजिश है और यह केवल एक स्वत:स्फूर्त घटना नहीं थी। बालियान ने प्रशासन पर दबाव डालते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, अन्यथा हालात और बिगड़ सकते हैं।
पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने बुढाना कस्बे में हुई हिंसक घटना को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों से क्षेत्र में पूर्ण शांति थी और कानून का राज कायम था, जिसमें जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं हुआ था, लेकिन जिस तरह से हाल ही में 5 से 10000 की भीड़ ने कस्बे को बंधक बनाया, रास्ते अवरुद्ध किए और अखिल त्यागी के घर पर पथराव व आगजनी की गई, यह घटना असामान्य और चिंताजनक है।
बालियान ने माना कि अखिल त्यागी ने एक गलत टिप्पणी की थी, जिसके लिए उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन
इसके बावजूद जो पथराव और आगजनी हुई, वह अस्वीकार्य है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि जो लोग आगजनी और हिंसा में शामिल थे, उनके खिलाफ भी उतनी ही सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जितनी अखिल त्यागी के खिलाफ की गई।
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस द्वारा आश्वासन दिया गया है कि कार्रवाई की जाएगी और वे इसके लिए कल तक प्रतीक्षा करेंगे। बालियान ने यह स्पष्ट किया कि कस्बे के लोग फिर से विरोध करेंगे यदि उचित कार्रवाई नहीं होती और कस्बे को अराजक तत्वों के हवाले नहीं किया जाएगा। उन्होंने ज़ोर दिया कि जनपद में कानून का राज था और हमेशा रहेगा।
संजीव बालियान ने अपने बयान में पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग करते हुए कहा है कि किसी के दबाव में आकर प्रशासन कोई कदम न उठाए। उन्होंने कहा कि कानून का राज दोबारा स्थापित किया जाना चाहिए और ऐसे अलगाववादी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जो जिले में शांति भंग करना चाहते हैं।
बालियान ने यह भी कहा कि कस्बे के लोग इस घटना को लेकर उचित फैसला करेंगे, और जब लोग उन्हें बुलाएंगे, वे उनके साथ खड़े होंगे। उन्होंने जोर दिया कि दोषियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए और कोई भी दोषी किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि जनता को अब यह फैसला करना है कि वह ऐसे व्यक्तियों को वोट देगी या नहीं, जो समाज में अशांति फैलाते हैं। मीरापुर की जनता का फैसला उचित रहेगा और ऐसे व्यक्तियों को दोबारा विधानसभा में नहीं भेजा जाएगा।
बालियान ने अखिल त्यागी की गिरफ्तारी के संदर्भ में भी कहा कि अगर उसे गिरफ्तार किया गया है, तो उन लोगों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए, जिन्होंने हिंसा और पथराव में हिस्सा लिया है। संजीव बालियान ने इस घटना को साजिश करार देते हुए पुलिस प्रशासन से अपेक्षा की कि वे इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई करें और निष्पक्ष तरीके से दोषियों की गिरफ्तारी करें।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस को यह नहीं समझना चाहिए कि केवल एक पक्ष का दबाव है, अगर जरूरत पड़ी, तो वे भी समान रूप से दबाव डाल सकते हैं। संजीव बालियान ने आरोप लगाया कि 5 से 10000 लोगों की भीड़ बिना साजिश के इकट्ठी नहीं हो सकती, और यह एक सुनियोजित नेटवर्क का परिणाम है, जो जनपद में सक्रिय हो चुका है।
उन्होंने पुलिस और प्रशासन से मांग की कि इस नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाए, क्योंकि अगर इसे नजरअंदाज किया गया तो भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर से हो सकती हैं। उन्होंने यह भी इशारा किया कि शांति समिति की बैठक में भी वही लोग शामिल थे, जिन्होंने कस्बे में अराजकता फैलाई थी।
संजीव बालियान ने कहा कि यदि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से नहीं लेता, तो उनके पास भी उपाय हैं, लेकिन वह अभी कानून व्यवस्था बनाए रखने के पक्ष में हैं। बाद में अखिल त्यागी के आवास पर पूर्व विधायक उमेश मलिक, त्यागी भूमिहार ब्राह्मण सभा के अध्यक्ष मांगेराम त्यागी, भाजपा के जिला मंत्री सुधीर खटीक भी पहुंचे् ।