मुजफ्फरनगर। जनपद के छपार थाना क्षेत्र के गांव बरला में 31 साल पहले किशोरी की बरामदगी के लिए दिल्ली-देहरादून हाईवे जाम करने और पुलिस पर जानलेवा हमला करने के मामले में 18 दोषियों को 8-8 साल कैद की सजा सुनाई गई है। अपर सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रेक कोर्ट संख्या-3 के पीठासीन अधिकारी कमलापति ने फैसला सुनाया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि छपार थाना क्षेत्र से संदिग्ध हालत में गायब किशोरी की बरामदगी के लिए 20 मार्च 1994 में ग्रामीणों ने दिल्ली-दून हाईवे जाम कर दिया था। पुलिस पर किए गए हमले में तत्कालीन एसओ शाहपुर पीसी शर्मा समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।
पुलिस ने 35 ग्रामीणों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। जांच के बाद 27 आरोपियों के खिलाफ चार्ज सीट दाखिल की। ट्रायल के दौरान 9 आरोपियों की मौत हो चुकी है। अदालत ने 18 आरोपियों पर दोष सिद्ध किया। दोषियों को 8 साल कैद की सजा सुनाई गई। सभी पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया।
बरला निवासी सतीश कुमार, धर्मेंद्र कुमार, तेलूराम, विजय कुमार, सत्यदेव त्यागी, संत कुमार, गुलफाम, फैयाज, कल्लू, बृजपाल, शमशाद, विपिन, बबलू, सुशील, कल्लू, छोटा इरफान व सहारनपुर के अंबेहटा निवासी राजेश्वर त्यागी को सजा सुनाई गई।
अदालत में जिन 18 दोषियों को सजा सुनाई है, उनमें अधिकतर की उम्र 60 वर्ष के पार है। दोषियों में कल्लू और छोटा सगे भाई हैं। जबकि जेल भेजे गए तेलूराम की उम्र 72 साल है।