Thursday, April 10, 2025

अनमोल वचन

असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योर्तिगमय, मृत्यौरमा अमृतम गमय वेद का ऋषि कहता है कि प्रभो हम सभी को असत्य से सत्य की ओर अंधेरे से प्रकाश की ओर तथा मृत्यु से अमरता की ओर ले चल, किन्तु आज के वातावरण में यह निरर्थक सा प्रतीत होता है, क्योंकि आज तो चहुं ओर असत्य और अंधकार का साम्राज्य है। हम प्रकाश फैलायें तो कैसे, अंधेरे से प्रकाश की ओर जाये तो कैसे जायें, सत्य की पताका फहराये तो कैसे फहराये। आज भ्रष्टाचार हमारे खून में समा गया है। भ्रष्टाचारियों, अनाचारियों, चोर बाजारियों को भी हम सम्मानित कर रहे हैं। बहु-बेटियों की अस्मिता को रौंदने वालों का भी हम सामाजिक बहिष्कार तक नहीं कर रहे हैं। कुछ लोग तो विदेशी आतंकवादियों की सहायता तक कर रहे हैं। खेलों में यदि अपने देश की हार हो जाये तो खुशियां मनाते हैं। ऐसे में कोई दिया जलाये तो कैसे जलाये, हम दिया जलाकर बाहर का अंधेरा तो हटा सकते हैं, थोड़े समय के लिए आनन्दित हो सकते हैं, परन्तु मन का अंधेरा तो विचलित करता है। मन के अंधकार के कारण ही तो पाप बढ़ रहे हैं, इसलिए मन के अंधेरे को साफ करने को प्राथमिकता दी जाये।

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